- पांच फवरी को पहले एचडब्ल्यूसी का इंदिरापुरम में होगा शुभारंभ
- शहरी क्षेत्र के एचडब्ल्यूसी में तैनात होंगे एमबीबीएस चिकित्सक
गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि गंभीर बीमारियों का जल्दी से जल्दी पता चल सके ताकि बीमारी के शुरूआती चरण में ही उपचार शुरू हो सके और परिणाम बेहतर हों। बीमारियों की जल्दी पहचान के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) की परिकल्पना की गई है। घर के पास ही चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के लिए अब शहरी क्षेत्र में एचडब्ल्यूसी की स्थापना की जा रही है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में पहले से ही 157 एचडब्ल्यूसी काम कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया – गाजियाबाद नगर निगम और लोनी नगर पालिका क्षेत्र में 84 एचडब्ल्यूसी स्वीकृत किए गए हैं। शहरी क्षेत्र के हर एचडब्ल्यूसी पर एक एमबीबीएस चिकित्सक की तैनाती की जाएगी। बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय एचडब्ल्यूसी पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) तैनात हैं, जो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराते हैं।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में 72 और लोनी नगर पालिका क्षेत्र में 12 एचडब्ल्यूसी स्थापित किए जाएंगे। नगर निगम क्षेत्र में 29 एचडब्ल्यूसी के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। पांच फरवरी को स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री डा. जनरल वीके सिंह पहले एचडब्ल्यूसी का शुभारंभ करेंगे। शिप्रा सन सिटी, इंदिरापुरम में एचडब्ल्यूसी के लिए जगह आरडब्ल्यूए की ओर से उपलब्ध कराई गई है। सीएमओ ने बताया – शहरी क्षेत्र में एचडब्ल्यूसी पर तैनात करने के लिए 40 एमबीबीएस चिकित्सकों की भर्ती कर ली गई है, भर्ती प्रक्रिया अभी जारी है। हर शनिवार को सीएमओ कार्यालय में चिकित्सकों का साक्षात्कार होता है। सीएमओ ने बताया – जल्दी ही शहरी क्षेत्र में अन्य केंद्रों की भी शुरूआत की जाएगी।
365 आशा कार्यकर्ताओं को मिलेंगे स्मार्ट फोन
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि रविवार को हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे। जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनुराग भारती ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के लिए 365 स्मार्ट फोन शासन से प्राप्त हो गए हैं। 450 आशा कार्यकर्ता पहले ही स्मार्ट फोन प्राप्त कर चुकी हैं। अब बाकी कार्यकर्ताओं को फोन वितरित किए जाएंगे। स्मार्ट फोन के जरिए आशा कार्यकर्ता अपना काम आसानी से कर सकेंगी।