लखनऊ। जोशीमठ में पांच सौ से अधिक मकानों में दरारें आने के बाद उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ी हुई हैं और उनके पुनर्वास की योजना पर काम कर रही है लेकिन ऐसा ही मामला अलीगढ़ में प्रकाश में आया है। अलीगढ़ के कनवरीगंज के एक दो नहीं बल्कि कई मकानों में दरारें व चटकने के मामले सामने आए हैं। इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। मकानों में दरार और चटकने के कारण एक साल से चोक पड़े नाले को माना जा रहा है। नाले से जमीन के अंदर पानी रिस रहा है जो मकानों की नींव को लगातार कमजोर कर रहा है। इससे कई मकानों के ढहने की आशंका बनी हुई है। स्थानीय निवासियों में काफी डर का माहौल बना हुआ है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए एक प्याऊ को निगम की टीम ने ढहा दिया। कनवरीगंज फर्श के हालात प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार पद्मश्री रवीद्र जैन के आवास के सामने गली में बन गए हैं। रात में लकड़ी चिरने जैसी आवाजें आने से उनकी नींद खुल गई। इधर-उधर देखा तो मकान की दीवारों में गहरी दरारें नजर आईं।
जानकारी के अनुसार ऊपरकोट से आ रहे नाले का पानी जमीन के अंदर रिस रहा है। इससे मकानों की नींव खोखली हो गई हैं। क्षेत्रीय लोगों ने निगम का विरोध भी किया। फिलहाल, निगम की टीम ने जेसीबी से जर्जर हो चुकी प्याऊ को ढहाकर नाले की सफाई शुरू करा दी है। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक नाला चोक होने से मेनहोल से लगातार पानी उफनने लगा। इस पर भी नगर निगम कर्मचारियों का ध्यान नहीं गया। जबकि, स्वच्छता निरीक्षक और सुपरवाइजरों को अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करने के निर्देश हैं। रेजीडेंट्स का कहना है कि आने वाले सफाई कर्मचारियों को अक्सर समस्या बताते थे। स्वच्छता निरीक्षक, सुपरवाइजर आते ही नहीं थे। समय रहते समस्या का निदान हो जाता तो मकानों के ये हालत न होते। मकानों के हालात देखकर भावुक हुए लोगों ने नगर निगम के प्रति खूब विरोध जताया था। अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए थे। कनवरीगंज में जल निगम ने 2020 में सीवर लाइन डाली थी। ये लाइन मशीनों के जरिए डाली गई, जिससे सड़क खोदनी न पड़े। प्याऊ के पास नाले से होकर भी लाइन निकाली गई थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि प्याऊ के निकट नाले पर पहले जाल नहीं था। पानी का बहाव तेज था, सफाई होती रहती। एक व्यक्ति ने जाल लगवा दिया। इससे जाल में कचरा फंसने लगा और नाला चोक हो गया।