लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर सुदृढ़ रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए। सम्भव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोत्तरी हो, ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, बल्कि सतर्क और सावधान रहने का है। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाये जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को भी एक्टिव किया जाए।
मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में कोविड प्रबन्धन के लिए गठित टीम-9 के साथ उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत सतर्कता बरती जाए। इसके नए वैरिएंट पर सतत नजर रखी जाए। सभी नए मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। प्रतिदिन होने वाली टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाया जाए। कोविड संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए गम्भीर असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों एवं बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विभिन्न देशों में कोविड के नए मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है। राज्य में दिसम्बर, 2022 में 9 लाख 6 हजार से अधिक कोविड टेस्ट किये गये, जिसमें 103 केस की पुष्टि हुई है। इस अवधि में प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत रही है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 49 है। विगत 24 घंटे में 42 हजार से अधिक टेस्ट किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद में आईसीयू स्थापित किये हैं, उन्हें क्रियाशील रखा जाए। सभी आईसीयू में एनेस्थेटिक, अन्य स्पेशलिस्ट चिकित्सकों और टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आॅक्सीजन प्लाण्ट पर तीन टैक्नीशियन तैनात होने चाहिए। स्वास्थ्य विभाग अथवा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभ् ाी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। यहां पर चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता तथा पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता की गहनता से परख कर ली जाए। कहीं भी किसी प्रकार की कमी न हो। अस्पतालों द्वारा अपने स्तर पर भी मॉक ड्रिल की जाए। विगत दिनों मॉकड्रिल में जो भी कमियां मिली हैं, उनमें तत्काल सुधार किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड वैक्सीनेशन करने वाला राज्य है। वर्तमान में प्रदेश में 11 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज उपलब्ध है। मांग के अनुरूप वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भारत सरकार से सतत सम्पर्क बनाए रखा जाए। कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। प्रिकॉशन डोज लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इसमें तेजी की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल के पिछले दो-ढाई वर्ष की अवधि में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी तौर पर कार्मिकों की तैनाती की गई थी। कोविड काल में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए इनके द्वारा किया गया दायित्व निर्वहन प्रेरणास्पद और सेवाभावना सराहनीय है। इन कार्मिकों की इस सेवा अवधि की भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में गणना की जाए। ऐसे कार्मिकों को वरीयता दी जाए। इस सम्बन्ध में स्पष्ट नियमावली तैयार की जाए। कोविड काल में सेवा देने वाले सभी अस्थायी/आउटसोर्सिंग कार्मिकों को बकाया मानदेय का भुगतान तत्काल कराया जाए। यदि शासन/विभाग से भुगतान होने के बाद सम्बन्धित एजेंसी द्वारा कार्मिक को भुगतान नहीं किया गया है, तो ऐसे प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए बकाया भुगतान कराया जाए। सेवा के बाद मानदेय कार्मिक का अधिकार है, इसका भुगतान समय पर ही होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 6.50 लाख किसानों से 41 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद हो चुकी है। इस खरीद के सापेक्ष अब तक 6,700 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के बैंक खातों में किया जा चुका है। प्रदेश के सभी जनपदों में डीएपी0 और यूरिया की उपलब्धता पर नजर रखी जाए। कहीं भी खाद की कमी न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मददेनजर विगत दिनों बाराबंकी जनपद में एक दिवसीय निवेशक व निर्यातक सम्मेलन आयोजित किया गया था। जनपद बाराबंकी का यह प्रयास अन्य जनपदों के लिए प्रेरणादायी है। प्रदेश के अन्य जनपदों में भी ऐसे आयोजन किए जाएं। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत सप्ताह प्रदेश में क्रिसमस और नववर्ष के उल्लास के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में शान्ति और सौहार्द का माहौल रहा है। सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के कारण लोगों ने सपरिवार निश्चिन्त होकर इन विशिष्ट अवसरों का आनन्द लिया। अयोध्या, काशी, मथुरा आदि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। सुरक्षा का यह माहौल आगे भी बना रहे, इसके लिए पुलिस और प्रशासन को हमेशा तत्पर रहना होगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज माघ मेले में कल्पवासियों और साधु-संतों की भावनाओं और आवश्यकताओं का सम्मान किया जाए। यहां पर अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्य किये जाएं। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं तथा साधु-संतों को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। पुलिस महानिदेशक द्वारा स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतलहर में निराश्रितों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश में रैन बसेरों की स्थापना की गई है। अब तक 1200 से अधिक रैन बसेरे स्थापित किये गए हैं। सभी जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं रैन बसेरों की व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया जाए। जहां आवश्यकता हो सुधार कराए जाएं। ठंड के मौसम में सड़क पर कोई भी व्यक्ति सोता हुआ नजर न आए। हर जरूरतमन्द को रैन बसेरे की सुविधा उपलब्ध हो। अब तक निराश्रित तथा जरूरतमन्द लोगों को 2.86 लाख कम्बल वितरित किए जा चुके हैं, यह क्रम आगे भी जारी रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कम्बल आदि राहत सामग्री का वितरण स्थानीय सांसद/विधायक/स्थानीय निकाय चेयरमैन आदि जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाए। उक्त अवसर पर प्रशासन के अधिकारी सहायतार्थ उपस्थित रहें। सार्वजनिक स्थलों पर अलाव के समुचित प्रबन्ध किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 13 जनवरी को वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक रिवर क्रूज टूरिज्म के अन्तर्गत सबसे लम्बे रिवर क्रूज गंगा विलास इपिक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस कार्यक्रम के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं।