गाजियाबाद। नेहरू वर्ल्ड स्कूल ने वाद-विवाद कौशल कार्यशाला व प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का प्रारूप विश्वस्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का था, जिसमें विभिन्न टीमों के बीच में तर्क वितर्क के लिए गतिशीलता बनी रहती है।
स्कूल की हेड टीचर ने प्रतिभागी स्कूलों व निर्णायक मंडल का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम को करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों में अपने विचारों को स्पष्टता से रखने व असमर्थित विचारों का विरोध करने की योग्यता व अवसर मिल सके। इसके द्वारा छात्र विभिन्न मुद्दों व विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करने के कौशल का विकास कर सकेंगे। साथ ही उन्होंने श्रोताओं के विषय में कहा कि श्रोताओं की जागरुकता बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला के आयोजन का आरम्भ चन्द्रादित्य राज, जो आवाज संस्था के संस्थापक होने के साथ ही विभिन्न स्कूलों में वक्तृता की कार्यशाला का आयोजन करते हैं, ने किया। उन्होंने प्रतियोगिता के नियम के साथ एक अच्छे तर्ककर्ता के गुण भी बताए। इस कार्यशाला के द्वारा गाजियाबाद व नोएडा के छात्र अपने तर्क कौशल को विकसित करने के नए तरीके से परिचित हुए। निर्णायक मंडल में चन्द्रादित्य राज के साथ पूजा रहेजा, सहसंस्थापक दीफलुऐंसी ब्रिज, अनूपम दीक्षित, संस्थापक आर्ट वर्क्स एवं विक्रमजीत सिंह रूपराय थे। विक्रमजीत मोटिवेशनल वक्ता, हैरीटेज कार्यकर्ता व शिक्षक प्रशिक्षकहै। कार्यशाला के बाद छात्रों को विषय को तैयार करने के लिए एक घंटे का समय दिया गया। वाद-विवाद के तीन विषय दिए गए थे जिनमें डिजिटल शिक्षा क्लासरुम शिक्षा का स्थान ले सकती है। कृत्रिम बुद्धिमान व बुद्धि का स्थान ले सकती है। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना आज विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा है।
कार्यक्रम में कुल 6 टीमों ने भाग लिया। नेहरू वर्ल्ड स्कूल, लोटस वैली इंटरनेशनल नोएडा, उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स, शिवनादर स्कूल नोएडा, सनवैली इंटरनेशनल स्कूल, गुरुकुल द स्कूल गाजियाबाद।
कार्यक्रम की श्रेष्ठ वक्ता नेहरू वर्ल्ड स्कूल की स्मृति आनन्द, गुरुकुल द स्कूल के ध्रुव मिश्रा, उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स की सिया गुप्ता एवं लोटसवैली इंटरनेशनल नोएडा की पाखी को घोषित किया गया। विजेता टीम का खिताब नेहरू वर्ल्ड स्कूल व शिवनादर स्कूल नोएडा को संयुक्त रूप से दिया गया।
सभी श्रेष्ठ वक्ताओं को किंडल व पुस्तकें पुरुस्कार स्वरुप दिए गए। अन्य सभी प्रतिभागियों को पुस्तकें व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
वाद-विवाद प्रतियोगिता अपने आपमें रोचक तथ्यों से परिपूर्ण थी। दूसरों के तर्कों को काटने के साथ-साथ विषय पर अपने विचार भी छात्र तथ्यों के साथ प्रस्तुत कर रहे थे। नेहरू वर्ल्ड स्कूल ने किशोरों को एक ऐसा मंच प्रदान किया जिसमें वे वर्तमान जगत के ज्वलंत मुद्दों पर वे अपने विचार रख सके व दूसरों के विचारों को सुन सके। अन्त में स्कूल हैड टीचर सुश्रीसुजैन होम्स ने सभी उपस्थित अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हार या जीत उतनी महत्वपूर्ण नहीं है। प्रत्येक प्रतिभागी स्वयं में विजेता है, हर हार या जीत कुछ नया सीखने का अवसर देती है।