- पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के तहत आशा/एएनएम घर-घर दे रहीं जानकारी
- पंजीकरण के बाद इच्छुक लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जाएंगी सेवाएं
हापुड़। परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना ही नहीं है, बल्कि यह कार्यक्रम प्रजनन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। इसके साथ-साथ मातृ, शिशु एवं बाल मृत्यु दर को भी कम करता है। यह बातें बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने बताया इन्हीं सब उद्देश्यों के साथ शासन के निर्देश पर जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। पहले चरण में 21 से 27 नवंबर तक सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और परिवार नियोजन साधनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 28 नवंबर से चार दिसंबर तक इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रजनन स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए सीएमओ डा. सुनील त्यागी ने कहा कि दो बच्चों के बीच कम से तीन वर्ष का सुरक्षित अंतर रखना जरूरी होता है। इससे पहला बच्चा दो वर्ष तक स्तनपान भी कर पाता है और फिर मां शारीरिक और मानसिक रूप से पुन: मां बनने के लिए तैयार हो पाती है। दो बच्चों के बीच कम अंतर रहने से मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। सुरक्षित अंतर रखने के लिए जरूरी है कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधन पूरी सावधानी के साथ अपनाएं जाएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह साधन निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं और हर सप्ताह आयोजित अंतराल दिवस पर और हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर विस्तार से जानकारी भी दी जाती है।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान यादव ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान अपना परिवार पूरा कर चुकीं 13 महिलाएं स्वेच्छा से नसबंदी करा चुकी हैं, इसके साथ ही एक पुरुष ने परिवार नियोजन कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए स्वेच्छा से नसबंदी कराई है। फिलहाल आशा/एएनएम घर-घर जाकर परिवार नियोजन सेवाओं और खासकर पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दे रहीं हैं और साथ ही इच्छुक लाभार्थियों का पंजीकरण भी कर रही हैं। पंजीकरण के बाद 28 नवंबर से पखवाड़ा का सेवा प्रदायी चरण शुरू होगा।
डीसीएच में भी मिल रहीं परिवार नियोजन की सातों सेवाएं
सीएमओं डा. सुनील कुमार त्यागी के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. प्रदीप मित्तल के नेतृत्व में दस्तोई रोड स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय पर परिवार नियोजन की सातों सेवाएं उपलब्ध हैं। डा. मित्तल ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व प्रसव सेवा शुरू होने के साथ ही संयुक्त जिला चिकित्सालय में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन आईयूसीडी, पीपीआईसीडी के साथ महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी सेवा भी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही तिमाही गर्भनिरोधक इजेक्शन ह्लअंतराह्व और गर्भपात (डीएनसी) के बाद कॉपर टी सेवाएं भी उपलब्ध हैं।