- हापुड़, गढ़ और धौलाना सीएचसी में बनाए गए हैं डेंगू वार्ड
- संयुक्त जिला चिकित्सालय के डेंगू वार्ड में बढ़ाए जाएंगे बेड
हापुड़। जनपद में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं, सतर्क रहें और बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें। लेकिन यह भी जान लें कि न तो हर बुखार डेंगू होता है और न ही प्लेटलेट्स की संख्या गिरने से यह तय किया जा सकता है। हर तरह के बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने बताया कि डेंगू की पहचान एलाइजा टेस्ट से होती है। चिकित्सक क्लीनिकल डायग्नोसिस के बाद ही टेस्ट कराते हैं और वही सही तरीका है। इसलिए चिकित्सक के परामर्श से ही उपचार प्राप्त करें।
सीएमओ ने बताया कि जनपद में डेंगू के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। विभाग ने डेंगू से लड़ने के लिए अस्पतालों में पूरे बंदोबस्त किए हैं। हापुड़, गढ़ और धौलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच-पांच बेड के डेंगू वार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा संयुक्त जिला चिकित्सालय में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में बेड बढ़ाकर 20 करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग की मदर ब्लड बैंक मेडिकल कॉलेज मेरठ में है, इसलिए यदि किसी रोगी को जरूरत होगी तो वहीं से निशुल्क प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई जाएंगी। प्लेटलेट्स की व्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्लेटलेट्स जैसे गिरती हैं वैसे ही तेजी से बढ़ भी जाती हैं। उन्होंने कहा आम जनमानस में प्लेटलेट्स को लेकर बड़ा भ्रम है, प्लेटलेट्स कम होते ही लोग इसे डेंगू समझ लेते हैं लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श लें।
डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट जरूरी
सीएमओ डा. त्यागी ने बताया कि डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूरी है। बगैर एलाइजा जांच कराए किसी भी मरीज को डेंगू से पीड़ित घोषित नहीं करना चाहिए। इस संबंध में जिले के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं। आमतौर पर लोग बुखार आने पर स्वयं डाक्टर बन जाते हैं और खुद दवा खाने लगते हैं, बुखार आने पर खुद दवा न लें। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें। कई बार गलत दवा विपरीत असर कर देती है।
दिन में काटता है एडीज मच्छर
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। इस लिए ध्यान रखें कि अपने घर और घर के आस-पास साफ पानी इकट्ठा न रहने दें। घर में मच्छरों से बचाव के उपाय करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार होने पर नियमित अंतराल पर पेय पदार्थ लेते रहें, इससे प्लेटलेट्स का स्तर बनाए रखने में शरीर को मदद मिलती है। घर में बना हुआ पौष्टिक भोजन करें और मौसमी हरी सब्जियों व फलों का सेवन करते रहें, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहे।