- भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग के लिए श्रीराम पिस्टन ने सौ क्षय रोगियों को गोद लिया
- भोजपुर पीएचसी पर कार्यक्रम आयोजित कर क्षय रोगियों को प्रदान किया गया पुष्टाहार
गाजियाबाद। क्षय रोग (टीबी) को अभिशाप न समझें। अन्य रोगों की ही तरह यह भी एक रोग है। उपचार के बाद क्षय रोग भी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। बस, नियमित रूप से उपचार जारी रखें। सरकार की ओर से क्षय रोग की जांच और उपचार निशुल्क कराया जाता है। प्रधानमंत्री ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का जो सपना देखा है वह नियमित उपचार और लक्षण आने पर तत्काल जांच कराने से ही पूरा होगा। सभी देशवासियों को मिलकर प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करना है। यह बातें बुधवार को मोदीनगर विधायक डा. मंजू शिवाच ने भोजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आयोजित एडोप्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। श्रीराम पिस्टन एवं रिंग्स की ओर से भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए 100 क्षय रोगियों को गोद लिया है।
विधायक डा. मंजू शिवाच ने क्षय रोगियों से मुखातिब होते हुए कहा – टीबी को मात देने के लिए नियमित उपचार के साथ बेहतर पोषण की जरूरत होती है। इसलिए सरकार उन्हें हर माह पांच सौ रुपए की पोषण राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में करती है। सरकार यह भी समझती है कि पांच सौ रुपए की राशि बेहतर पोषण के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए समर्थवान लोगों और संस्थाओं को एडोप्शन कार्यक्रम से जोड़कर क्षय रोगियों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। डा. शिवाच ने कहा भोजन में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा के लिए क्षय रोगी रोजाना कम से कम एक अंडा जरूर खाएं। बाकी उन्हें जो प्रोटीन युक्त पुष्टाहार उपलब्ध कराया जा रहा है, उसका भी सेवन अवश्य करें।
इस मौके पर एसीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. डीएम सक्सेना ने कहा – क्षय रोगी नियमित रूप से अपनी दवाएं लेते रहें। सरकार की ओर से उन्हें दुनिया की बेहतर दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उपचार बीच में छोड़ देने से परेशानी बढ़ने का खतरा रहता है। उस स्थिति में एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) टीबी होने पर उपचार और लंबा व मुश्किल हो जाता है। कार्यक्रम के दौरान श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स के सीएसआर हेड दिनेश शर्मा और यतेंद्र जैन मौजूद रहे। कार्यक्रम में भोजपुर एमओआईसी डा. नीरज कुमार, डा. सुशांत सिंह, क्षय रोग विभाग से रविंद्र कुमार, विष्णु शर्मा, अहसान अली और जोगेश्वर समेत पीएचसी के समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।