गाजियाबाद। जिस प्रकार वाह्य शरीर को स्वच्छ रखने के लिए स्नान आदि करते हैं उसी प्रकार आंतरिक शरीर की स्वच्छता एवं शुद्धता के लिए उपवास का विधान किया गया है। उपवास का लाभ पूर्ण उपवास से ही संभव है। भरपेट फलाहार खाने से न तो शारीरिक स्वास्थ्य लाभ मिलता और न ही आध्यात्मिक। नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज, एनएच-09, महरौली, गाजियाबाद में चल रहे साप्ताहिक योग शिविर में उपरोक्त बातें योग गुरु संतोष ने छात्राओं से कही। उन्होंने आगे कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने मस्तिष्क को स्वस्थ, स्वच्छ एवं शांत रखने के लिए ध्यान की क्रियाएँ हमें उपहार स्वरूप दी हैं।
नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज में अगस्त माह से चल रहे साप्ताहिक योग शिविर में छात्राओं को एक स्वस्थ जीवन शैली से परिचित कराया जा रहा है ताकि वे जीवनभर स्वस्थ रहकर अपनी पसंद के क्षेत्रों में अपना, परिवार का, समाज का और देश का नाम रौशन कर सकें।
शिविर में प्रार्थना के पश्चात प्रणामासन फिर प्राणायाम की क्रियाओं में चंद्रभेदी एवं सूर्यभेदी क्रियाएं कराई गईं। चंद्रभेदी एवं सूर्यभेदी प्राणायाम की क्रियाओं से बच्चों में सोचने-समझने की शक्ति का विकास तो होता ही है उनकी कल्पनाशक्ति भी तीक्ष्ण एवं प्रखर होती चली जाती है। शरीर में आॅक्सीजन का स्तर बढ़ाने वाली अन्य क्रियाओं में भ्रामरी एवं उद्गीथ प्राणायामों का अभ्यास कराया गया। साप्ताहिक योग शिविर में स्कूल की प्रधानाचार्या सुरेखा के अलावा शिक्षिका अमरेश एवं शालू भी उपस्थित रहीं जिन्होंने योग की क्रियाओं का लाभ उठाया एवं छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।