- सभी बच्चों को छह मानकों के आधार पर मिलेंगे सेहत के अंक
- टॉपर तीन-तीन बच्चे और उनकी मां होंगी दो अक्टूबर को पुरस्कृत
- स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से होगा आयोजन
गाजियाबाद। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत बृहस्पतिवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शशि वार्ष्णेय ने बताया प्रतियोगिता का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया जाएगा। शासन से बच्चों की सेहत को लेकर छह मानक और उनके लिए अलग-अलग अंक तय किए गए हैं। उसी हिसाब से स्वस्थ बच्चों को अंक प्रदान किए जाएंगे। हर आंगनबाड़ी केंद्र पर पहले तीन स्थानों पर रहने वाले बच्चों को दो अक्टूबर को पुरस्कृत किए जाएगा। जाहिर तौर पर इन बच्चों की मां को भी प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
डीपीओ ने बताया कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्ता पर जागरूकता बढाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार कर सुपोषित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को साकार करना है। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। सभी केंद्रों पर ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस, ग्रोथ चार्ट तथा कम्यूनिटी ग्रोथ चार्ट उपलब्ध कराया जाएगा। बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया जाएगा और साथ ही बच्चों के टीकाकरण व अनुपूरक पोषाहार संबंधित अभिलेख सुरक्षित करते हुए स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से समुदाय में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक जागरूकता लाई जाएगी। स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता में मासिक वृद्धि निगरानी के पांच, व्यक्तिगत स्वच्छता के 10, पोषण श्रेणी (सामान्य श्रेणी में बने रहने या फिर सैम से मैम और मैम से सामान्य श्रेणी में आने पर) के 10 अंक, छह माह तक केवल स्तनपान, दो वर्ष तक स्तनपान और अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन और पांच वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन करने पर 10 अंक, समय से टीकाकरण के 10 अंक और समय पर कीड़े निकालने की दवा खाने के पांच अंक दिए जाएंगे। डीपीओ ने बताया प्राप्त अंकों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका, पोषण पंचायत के सदस्य, ग्राम सभा के प्रतिनिधि,एएनएम/आशा और स्थानीय शिक्षक प्रतियोगिता में सफल बच्चों को नामित करेंगे। हर केंद्र पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले बालक-बालिकाओं को दो अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा और उनकी माताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।