नई दिल्ली। मुंबई, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को सभी राज्यों की सरकारें चिंतित हैं। लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली में 26 अप्रैल तक पूर्णत: लॉकडाउन लगाने के बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना मरीजों का आंकड़ा प्रतिदिन 28 हजार तक भी जा सकता है। सरकार का ध्यान बेड बढ़ाने पर है। सिसोदिया ने कहा कि बुराड़ी अस्पताल में 480 बेड बढ़ाने जा रहे हैं। डीडीयू में 500 बेड बढ़ाने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के डीआरडीओ केयर सेंटर में कल 2500 बेड 4 घंटे में भर गए। अन्य अस्पतालों में भी बेड बढ़ाए जा रहे हैं। 2700 बेड एक सप्ताह में और जुड़ जाएंगे। डिप्टी सीएम ने कहा कि लोगों से आग्रह है कि पैनिक में न आएं। हल्के लक्षण हैं तो घर पर ही रहें। सरकारी डॉक्टर उनसे घर पर ही फोन पर संपर्क करेंगे और इलाज बताएंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक बात देखने में आ रही है कि अस्पताल में जाने पर परिजन शिकायत कर रहे हैं कि हमारे मरीज को डॉक्टर ने नहीं देखा है। मगर यह बात ठीक नहीं है। डॉक्टर पीपी किट में आ रहे हैं। लोग उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं। इसलिए वे लोग अस्पतालों के बारे में ऐसी धारणा न बनाएं। डॉक्टर अपनी पूरी जान लगा रहे हैं। भले ही उन्हें क्यों न कोरोना हो जाए, वे मरीजों का पूरा ध्यान रख रहे हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सरकार ने नोडल मंत्री बनाया है। सिसोदिया ने कहा कि 3 अप्रैल को हमारे पास 6071 बेड थे। अभी 19101 बेड हैं। करीब 2 हफ्ते के समय में तीन गुना से ज्यादा बेड बढ़ा दिए गए हैं। इसमें से 2500 बेड अभी भी खाली हैं। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि अगर कोई भी अस्पताल ऐप पर ठीक जानकारी नहीं देगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।