- स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर आज खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने वाली दवा
- एनडीडी पर जनपद में करीब 4.52 लाख बच्चों-किशोरों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य
- दवा खाने से छूटे बच्चों के लिए एक से तीन अगस्त तक चलाया जाएगा मॉप अप राउंड
गाजियाबाद। पेट के कीड़े (कृमि) बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। कृमि एनीमिया और कुपोषण का एक बड़ा कारण हैं। दरअसल कीड़े मनुष्य की आंत में रहते हैं और हमारे भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण करते रहते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो पेट में कीड़े होने पर बच्चों को खाया पिया नहीं लगता है और वह कमजोर हो जाते हैं। यह बातें हापुड़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील त्यागी ने बुधवार को कहीं। उन्होंने बताया बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग बृहस्पतिवार को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाएगा। विभाग की ओर से हर वर्ष दो बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) पर यह गोली एक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने के लिए खिलाई जाती है।
सीएमओ डा. त्यागी ने बताया पूरे प्रदेश में 20 जुलाई को एनडीडी का आयोजन किया गया था लेकिन कांवड़ यात्रा के चलते शासन ने जनपद के लिए 28 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। उन्होंने बताया जनपद के लिए शासन से एक से 19 वर्ष तक के 4.52 लाख बच्चों और किशारों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गोली खिलाने के लिए आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
जनपद में 887 आंगनबाड़ी केंद्रों और 903 स्कूलों में बृहस्पतिवार को गोली खिलाई जाएगी। डॉ. त्यागी ने बताया एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली दी जाएगी, जबकि दो से 19 साल तक आयु वालों को एक गोली खिलाई जाएगी। गोली खाली पेट नहीं खिलानी है, इसलिए स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दोपहर के भोजन के बाद अपने सामने यह गोली खिलाएंगे।
सीएमओ ने बताया कृमि मुक्ति कार्यक्रम में लगे स्वास्थ्य कर्मियों और शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि बीमार बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली न खिलाएं। जो बच्चे बृहस्पतिवार के अभियान में गोली खाने से छूट जाएंगे, उनको माप अप राउंड में एक अगस्त से तीन अगस्त तक गोली खिलाई जाएंगी।
कृमि संक्रमण के कारण
संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं, खुले में शौच करने से यह अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते रहते हैं। इससे अन्य बच्चे नंगे पैर चलने से, गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से लार्वा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं।
कृमि संक्रमण के लक्षण
गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी, जी मिचलाना, गुदा मार्ग में खुजली, शरीर का विकसित न होना, भूख कम लगना, खाना खाने का मन नहीं करना, पेट फूलना आदि। बच्चे में कृमि की संख्या जितनी ज्यादा होगी लक्षण उतने ही अधिक होंगे।
कृमि संक्रमण से बचाव
नाखून साफ और छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पियें, खाने को ढक कर रखें, साफ पानी से फल संब्जियां धोएं, साबुन पानी से हाथ धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, आस-पास सफाई रखें, जूते पहनें, खुले में शौच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।
ब्लॉक वार यह है लक्ष्य
ब्लॉक आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल बच्चों की संख्या
हापुड़ 315 214 1,33,209
गढ़ मुक्तेश्वर 207 161 82,584
धौलाना 176 132 96,821
सिंभावली 189 158 72,949
शहरी क्षेत्र शून्य 238 72,654