- मुख्यमंत्री जी ने हरिशंकरी के पौधे रोपित किए
- आजादी के अमृत महोत्सव पर 15 अगस्त को 5 करोड़ पौधे रोपित करने का लक्ष्य
- मुख्यमंत्री ने जनपद चित्रकूट में वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 का शुभारंभ किया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट के विकास खंड मानिकपुर के ग्राम पंचायत मडै़यन के मजरा सेहरिन के पास वन महोत्सव के अन्तर्गत वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मटदर प्रथम वन ब्लाक में पीपल, बरगद, पाकड़ (हरिशंकरी) के पौधे रोपित किए।
मुख्यमंत्री ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार जनपद चित्रकूट सहित संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आज यहां 32 करोड़ 86 लाख रुपये से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 82 करोड़ 54 लाख रुपये से अधिक लागत की 28 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 35 करोड़ पौधों को रोपित किया जाएगा, जिसमें से 25 करोड़ पौधों का रोपण संपन्न किया गया। 2 दिनों में 5 करोड़ पौधों को रोपित किया जाएगा। साथ ही, आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 15 अगस्त, 2022 को 5 करोड़ पौधे रोपित किए जाएंगे तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में 75-75 पौधों के रोपण का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतर्विभागीय समन्वय एवं जन सहयोग के माध्यम से विगत 5 वर्षों में प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक पौधे रोपित कराये हैं। वृक्षारोपण का कार्य स्वार्थ भाव से नहीं बल्कि सेवा भाव से किया जाए। वन विभाग द्वारा 100 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को संरक्षित करने का कार्य कराया जा रहा है। पौधे लगाना एवं उनकी सुरक्षा करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। प्रदेश की 25 करोड़ आबादी के दृष्टिगत आज 25 करोड़ पौधों को रोपित करने का कार्य संपन्न किया जा रहा है। उन्होंने जन समुदाय से फलदार पौधों को रोपित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा 60 लाख सहजन के पौधे तैयार किये गये हैं। सहजन गरीब के लिए पौष्टिक आहार का उत्तम साधन है। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को उनके घरों में सहजन एवं फलदार पौधों को रोपित कराया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को वृक्ष मित्र तथा प्रकृति का मित्र बनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी अपनी प्राकृतिक संपदा का लाभ प्राप्त कर सकें। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण असंतुलन बढ़ता जा रहा है। प्रकृति के अनमोल रत्न नष्ट होते जा रहे हैं। वनस्पतियों के बिना हमारा अस्तित्व संभव नहीं है। प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति से संतुलन एवं सामंजस्य बनाकर ग्लोबल वॉर्मिंग के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। सभी को वृक्षारोपण कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
कार्यक्रम के अवसर पर वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने जनसभा को संबोधित करते हुए वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रेरित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण मनोज सिंह सहित जनप्रतिनिधि एवं शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।