- 180 प्रतिशत एएनसी पंजीकृत कर टॉप पर रहा भोजपुर ब्लॉक
- अप्रैल और मई माह में 19 हजार से अधिक एएनसी पंजीकृत
गाजियाबाद। बेहतर मातृ स्वास्थ्य और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष 103 प्रतिशत एएनसी (एंटीनेटल केयर) पंजीकृत हुई हैं। एएनसी पंजीकरण प्रसव पूर्व देखभाल के लिए किया जाता है ताकि हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हित कर समय रहते उनका प्रबंधन किया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया हर गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांच होना जरूरी है। हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती की निशुल्क जांच करने के साथ एमसीपी (मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन) कार्ड बनाया जाता है ताकि प्रसव के समय पूरा ब्यौरा चिकित्सक के सामने हो।
एसीएमओ (आरसीएच) डा. विश्राम सिंह ने बताया – अप्रैल-मई 2022 के लिए जनपद में 18,770 एएनसी पंजीकृत करने का लक्ष्य था, लक्ष्य के सापेक्ष कुल 19,337 एएनसी पंजीकृत की गईं। भोजपुर ब्लॉक में कुल 1832 एएनसी पंजीकृत की गईं, जबकि लक्ष्य 1014 का था। यानि भोजपुर में लक्ष्य का 180 फीसदी काम हुआ। यह आमजन में मातृ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से संभव हो सका है। जिला स्तरीय चिकित्सालयों में 13,802 के सापेक्ष 13,352 एएनसी पंजीकृत हुई हैं। लोनी ब्लॉक में 1494 के सापेक्ष 1540, मुरादनगर में 969 के सापेक्ष 976 और रजापुर ब्लॉक में 1491 के सापेक्ष 1637 एएनसी पंजीकृत हुईं। जनपद को मिले 18,770 के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 19,337 एएनसी पंजीकृत की गईं।
डा. सिंह ने बताया – 19,337 में से कुल 15,232 एएनसी पहली तिमाही में पंजीकृत हुई हैं, जो कुल पंजीकरण का 78 प्रतिशत से अधिक है। बता दें कि राज्य स्तर पर कुल 65 प्रतिशत एएनसी पहली तिमाही में पंजीकृत हुई हैं। ब्लॉक स्तर पर बात करें तो पहली तिमाही में एएनसी पंजीकरण करने के मामले में 97.64 प्रतिशत परिणाम हासिल कर मुरादनगर ब्लॉक टॉप पर रहा। रजापुर ब्लॉक में कुल 90.84 प्रतिशत, लोनी ब्लॉक में 90.45 प्रतिशत और भोजपुर ब्लॉक में 85.75 प्रतिशत एएनसी पहली तिमाही में पंजीकृत हुई हैं। इस दरम्यान जनपद में कुल 435 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हित की गईं और इनमें से 430 को उपचार दिया गया। जिला स्तरीय चिकित्सालयों में कुल 195, भोजपुर ब्लॉक में 27, लोनी ब्लॉक में 90, मुरादनगर ब्लॉक में 34 और रजापुर में कुल 89 एचआरपी चिन्हित हुई हैं। - एएनसी क्या है?
जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. संगीता गोयल ने बताया एएनसी (एंटीनेटल केयर) के जरिए यह पता लगाया जाता है कि गर्भवती और शिशु स्वस्थ हैं। इस जांच से गर्भावस्था के जोखिम को पहचानने, रोगों की पहचान करने और उसकी रोकथाम करने में मदद मिलती है। प्रसव पूर्व चार जांच कराने की सलाह दी जाती है, पहली तिमाही में एएनसी होना जरूरी होता है। ताकि शुरूआत में ही बीमारी की पहचान कर उसका प्रबंधन किया जा सके। एएनसी में मुख्यत: खून, रक्तचाप और अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है। मां को कोई गंभीर बीमारी होने की स्थिति में भी समय से जांच कर भ्रूण को उस बीमारी से बचाया जा सकता है। हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है।