- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना की गई नवीनीकृत
- सेवा क्षेत्र के कार्य के लिए 10 के स्थान पर मिलेंगे 20 लाख
- ट्रांसपोर्ट , पोल्ट्री फार्म, डेयरी व मधुमक्खी पालन को किया गया शामिल
गाजियाबाद। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजना का नवीनीकरण किया गया है। उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं को सरकार द्वारा ऋण की राशि में बढ़ोत्तरी कर दी गई है।
संयुक्त आयुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र गाजियाबाद के बीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा नए रूप में जारी किया गया है। पूर्व में उक्त योजना के अंतर्गत उद्योग स्थापना के लिए अधिकतम 25 लाख तक का ऋण दिया जाता था, जिसको बढ़ाकर 50 लाख कर दिया गया है। सेवा क्षेत्र में यह धनराशि 10 लाख से बढ़ाकर रु 20 लाख कर दी गई है। उन्होंने बताया कि पूर्व में उक्त योजना अंतर्गत व्यवसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध था, किंतु अब उत्पादन से जुड़ी रिटेल शॉप, ट्रेडिंग पर ऋण की व्यवस्था कर दी गई है। इसी प्रकार खादी उत्पाद, इस योजना अंतर्गत पूर्व में स्थापित इकाई द्वारा निर्मित उत्पाद तथा खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रमाणित उत्पादों के आउटलेट खोले जाने के लिए ऋण की व्यवस्था इस योजना के अंतर्गत कर दी गई है। पूर्व में ट्रांसपोर्ट वाहनों पर भी वित्त पोषण के लिए योजना में कोई प्रावधान नहीं था, किंतु अब निर्धारित लक्ष्य के अधिकतम 10 प्रतिशत अनुदान राशि कैब, वैन आदि के क्रय पर व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह योजना सभी प्रकार के पब्लिक सेक्टर बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, कोआॅपरेटिव बैंक तथा आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड सभी प्रकार के शेड्यूल प्राइवेट कमर्शियल बैंकों में लागू होगी। इन सभी प्रकार के वित्तीय संस्थानों द्वारा योजना के आवेदकों को ऋण प्रदान किया जाएगा। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि जनपद के सभी बैंकों, उप जिलाधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों से यह अपील की गई है कि योजना के संबंध में अपने स्तर से भी प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक इच्छुक आवेदकों को केवीआईसी की वेबसाइट www.kviconline.gov.in पर 20 जून, 2022 तक आवेदन करा सकते हैं।