- खाने-पीने से लेकर देखरेख का संभाला जिम्मा
- डीएम ने टीबी मरीजों को बांटीं पोषण किट
गाजियाबाद। जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने की दिशा में अलग-अलग संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अब तक 3102 क्षय रोगियों को गोद लिया है। गोद लेने वाले इसे पुनीत कार्य मानते हैं। इन मरीजों के पोषण से लेकर देखरेख की जिम्मेदारी गोद लेने वाले उठाएंगे। इसी क्रम में केंद्र सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिला संयुक्त अस्पताल में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की प्रेरणा से श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स कंपनी की ओर से 100 क्षय रोगियों को गोद लिया गया। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पूरे देश में अभियान भी चलाया जा रहा है। अभियान के तहत टीबी रोगियों की खोज से लेकर उनके उपचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी अभियान के तहत श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स कंपनी की ओर से 100 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। इसके साथ ही उन्हें पुष्टाहार किट का वितरण किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि देश को टीबी मुक्त करने के लिए सभी का योगदान जरूरी है। सरकारी कमचारी, अधिकारियों के साथ ही स्वंयसेवी संस्थाएं और औद्योगिक इकाइयां टीबी रोगियों को गोद लेकर उनके उपचार और पुष्टाहार की जिम्मेदारी उठाएं तो पोलियो की तरह जल्द ही देश टीबी संक्रमण के रोग से भी मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोगी नियमित रूप से दवा लेते रहें, इसके लिए उन्हें देखभाल और प्रेरित करते रहने की जरूरत होती है। विभाग क्षय रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराता है और साथ ही सरकार की ओर से हर माह निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए का भुगतान भी किया जाता है। यह राशि मरीज के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि जिले में अब तक 3102 टीबी रोगियों को गोद लिया जा चुका है एवं प्रयास किए जा रहे हैं कि जिले में मौजूद सभी टीबी रोगियों को गोद दिलाकर क्षय रोग उन्नमूलन कार्यक्रम को सफल बनाया जाए। इस मौके पर डीटीओ डा. डीएम सक्सेना, डा. सूर्यांशु ओझा, श्रीराम पिस्टन कंपनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक अशोक कुमार, प्रबंधक यतेन्द्र, सुधांशु सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय यादव ने किया।