- जिला विकास अधिकारी ने चार विभागों से मांगा स्पष्टीकरण
- डीडीओ के नोटिस को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद हुआ मुखर
गाजियाबाद। विकास भवन के कई विभागों में एक के बाद एक एसी लगने के मामले को लेकर कर्मचारी संगठन और डीडीओ के बीच रार छिड़ गई है। जिला विकास अधिकारी ने बिना बजट के एसी लगाने को लेकर चार विभागों को नोटिस जारी कर दिया है। डीडीओ के नोटिस के बाद कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। कर्मचारियों के पक्ष में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने डीडीओ को पत्र लिखा है।
पिछले दिनों मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व जिला युवा कल्याण अधिकारी के कार्यालय एवं स्टाफ के लिए एसी लगवाए गए थे। चूंकि पूरे विकास भवन में सिर्फ 25 किलोवाट का ही विद्युत भार स्वीकृत है, ऐसे में नए एसी लगने के बाद पूरे विकास भवन की विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने लगी। जिला विकास अधिकारी पीएन दीक्षित को जब इन चार विभागों में नए एसी लगने के बारे में पता चला तो उन्होंने चारों विभागों को नोटिस जारी कर दिया। डीडीओ द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि बिना किसी पूर्व सूचना दिए एसी लगवा दिए गए हैं, चूंकि विद्युत भार कम है और एसी लगने के बाद बिजली कम व ज्यादा होने से पंखे, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि खराब हो रहे हैं। इसलिए बिना अनुमति के लगवाए गए एसी को तुरंत हटवाया जाए। यदि एसी नहीं उतरवाए गए तो उक्त कार्यालयों की बिजली काट दी जाएगी। जिला विकास अधिकारी के इस नोटिस के बाद चारों विभागों के कर्मचारियों में आक्रोश पनप रहा है। कर्मचारियों के पक्ष में उतरे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष देवव्रत चौधरी ने डीडीओ को पत्र लिखा और कहा कि कर्मचारियों की समस्या का समाधान करना बेहद जरूरी है। संवाद से ही किसी समस्या का हल निकल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि विद्युत भार कम होने से लाइट ट्रिप हो रही है और विद्युत उपकरण खराब हो रहे हैं तो आपके द्वारा विभागों का विद्युत भार बढ़ाए जाने के लिए निर्देशित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में कर्मचारी काम करेंगे तो उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होना निश्चित है, ऐसा तो कतई नहीं होना चाहिए कि अफसरों के कमरों में एसी लगे रहें और कर्मचारी गर्मी में बैठे पसीने पौछते रहे। उन्होंने बताया कि पूर्व में कुछ विभागाध्यक्षों ने अलग-अलग विद्युत कनेक्शन लिए थे जिन्हें तत्कालीन डीडीओ ने हटवा दिया था। देवव्रत चौधरी ने डीडीओ से मांग की है कि वे व्यवहारिक रूप से इस समस्या का निस्तारण करने की दिशा में कदम उठाएं ताकि कर्मचारियों में हीनभावना न पैदा हो।