- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को मिला विस्तार
- हर माह की 24 तारीख को होगा सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन
- लोनी और मुरादनगर में एफआरयू स्तरीय फैसिलिटीज में मिलेगी सुविधा
- नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर होता है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन
गाजियाबाद। मां और शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। प्रसवपूर्व सतर्ककता बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को विस्तार देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर हर माह की 24 तारीख को एफआरयू स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक के आयोजन के निर्देश देते हुए अप्रैल माह से प्रभावी करने के लिए कहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को और विस्तार देने का निर्णय लिया है। हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के साथ-साथ हर माह की 24 तारीख को एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) स्तर पर सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन किया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विश्राम सिंह ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के आयोजन के साथ-साथ लोनी और मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह की 24 तारीख को सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन कर गर्भवती महिलाओं को द्वितीय और तृतीय तिमाही में निशुल्क प्रसव पूर्व गुणवत्तापरक जांच और उपचार की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मुरादनगर और लोनी सीएचसी एफआरयू स्तरीय फैसिलिटीज हैं।