- यशोदा अस्पताल कौशांबी के संयोजन में किया गया कार्यक्रम
गाजियाबाद। विशेष ओलंपिक भारत, जो एक मान्यता प्राप्त संगठन है, जिसकी अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा हैं, उन्होंने बताया कि विशेष ओलंपिक भारत राष्ट्रीय खेल संघ, युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत खेल के माध्यम से बौद्धिक विकलांग बच्चों और वयस्कों के खेल और अन्य जीवन कौशल के विकास के लिए काम करता है।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विशेष ओलंपिक भारत द्वारा आज कड़कड़डूमा दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य शिविर लगाया गया जिसे मेगा हेल्थ फेस्ट का नाम दिया गया। 5 अप्रैल को सुबह 8 बजे से सायं 5:00 बजे तक अमर ज्योति स्कूल, कड़कड़डूमा, दिल्ली में चले इस विशेष कैंप में कुल 600 एथलीटों की स्वास्थ्य जांच की गयी । इस मौके पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडे एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह रहे । वहीं, यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कौशाम्बी के डायरेक्टर डॉ उपासना अरोड़ा एवं प्रबंध निदेशक डॉ पी एन अरोड़ा के कुशल निर्देशन में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशांबी, गाजियाबाद के डॉक्टरों एवं टीम द्वारा स्वास्थय जांच कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस बात की जानकारी हॉस्पिटल के कॉरपोरेट कम्युनिकेश हेड गौरव पांडेय ने दी।
कार्यक्रम के प्रथम चरण के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने कहा कि यह शिविर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विशेष ओलंपिक भारत द्वारा, खेल मंत्रालय भारत सरकार की की गई एक सकारात्मक पहल है, जिसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन देशव्यापी पैमाने पर किया जा रहा है। जनरल वीके सिंह ने कहा कि फौज में भी हम इस तरह का अभियान चलाते हैं जिसमें कि युद्ध में या अभ्यास के दौरान घायल हुए सैनिकों को उनकी किसी भी प्रकार की विकलांगता को ध्यान में रखते हुए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे कि उनकी शारीरिक क्षमता को पुन: उसी तरह का बनाया जा सके जैसे कि पहले थी। उन्होंने कहा कि पैरालम्पिक गेम्स एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट है, जिसमें शारीरिक अक्षमता के साथ एथलीटों को शामिल किया गया है, जिसमें विकलांगताएं वाली मांसपेशियों की शक्ति, गतिहीन निष्क्रिय सीमाएं, अंग की कमी, पैर की लंबाई में भिन्नता, लघु कद, हाइपरटोनिया, एनेटिक्स, अस्थिटोसिस, दृष्टि हानि और बौद्धिक हानि आदि प्रमुख हैं।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण के मुख्य अतिथि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडे ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही सराहनीय पहल है कि यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन देशव्यापी पैमाने पर कर रहा है। ऐसी पहलों से में बहुत से ऐसे बच्चों की थोड़े से ही प्रोत्साहन से अपने जीवन में और अपने आस पास के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण बनते हुए देखा है। इन एथलीटों को विकसित करने और बनाने में मदद करने के लिए विशेष ओलंपिक भारत द्वारा किये गए इस पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह देश को अत्यंत गौरव एवं ख्याति की प्राप्ति होगी, ऐसी मेरा अनुमान, मंशा एवं शुभकामनाएं हैं। डॉ पण्डे ने कहा कि प्रधान मंत्री जी ने बहुत सराहनीय कदम उठाया इन्हें दिव्यांग नाम देकर। पहले विकलांग बोलने से हीन भावना आती थी लेकिन अब इनको समाज में एक नयी पहचान मिली है। इन सब के हुनर को पहचान मिली है और अब ये देश का नाम रोशन करेंगे ।
वहीं, हॉस्पिटल के संचार प्रमुख गौरव पांडेय ने बताया कि इन विशेष एथलीट बच्चों को प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित करने के लिए विशेष ओलंपिक स्क्रीनिंग और छह स्वास्थ्य विषयों जैसे आंखों की देखभाल, मौखिक स्वास्थ्य, हड्डी एवं जोड़ रोग स्वास्थ्य, बाल रोग, भौतिक चिकित्सा, पोषण से सम्बंधित जाचें एवं परामर्श दिया गया। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक ओम प्रकाश शर्मा, श्याम सुन्दर अग्रवाल, महापौर, पूर्वी दिल्ली एवं अमर ज्योति चैरिटेबल स्कूल की श्रीमती उमा तुली जी विशेष रूप से मौजूद थीं।
कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु खेल प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों को तैयार और प्रेरित करना था। बता देगी पैरा ओलंपिक खेल शारीरिक रूप अथवा मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों द्वारा खेले जाते हैं और इसका प्रचलन द्वितीय विश्वयुद्ध के घायल सैनिकों को फिर से मुख्यधारा में लाने के मकसद से इसकी शुरूआत हुई।
डा. उपासना अरोड़ा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु खेल प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों को तैयार और प्रेरित करना था। बता दें कि पैरा ओलंपिक खेल शारीरिक रूप अथवा मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों द्वारा खेले जाते हैं और इसका प्रचलन द्वितीय विश्वयुद्ध के घायल सैनिकों को फिर से मुख्यधारा में लाने के मकसद से इसकी शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि भारत में 75000 विशेष ओलिंपिक एथलीटों की जांच एवं प्रशिक्षण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और 78000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन 5 अप्रैल तक हो चुके हैं। विशेष ओलंपिक भारत, एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघ, युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत खेल के माध्यम से बौद्धिक विकलांग बच्चों और वयस्कों के खेल और अन्य जीवन कौशल के विकास के लिए काम करता है जिसके संस्थापक अध्यक्ष एयर मार्शल डेन्जिÞल कीलोर (सेवानिवृत्त) हैं एवं इसकी अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा हैं जिनके मार्गदर्शन एवं कुशल दिशानिर्देशन में कार्यक्रम करता है ।