- आईसीडीएस अब स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर सुधारेगा इनकी सेहत
- पांच वर्ष तक के 95 हजार बच्चों में से 88 हजार का वजन और लंबाई ली गई
हापुड़। पोषण पखवाड़े के पहले चरण में जनपद के 887 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पांच वर्ष तक बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। जनपद के कुल 95200 बच्चों में से 88325 बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए इनका वजन और लंबाई ली गई। वजन और लंबाई के आधार पर कुल 50 मैम (कुपोषित) और 32 सैम (अति कुपोषित) बच्चे चिन्हित किए गए हैं। सभी बच्चों का वजन और लंबाई पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड कर दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञानप्रकाश तिवारी ने बताया- समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर मैम-सैम बच्चों की सेहत सुधारी जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया शासन के निर्देश पर मैम-सैम बच्चों को चिन्हित करने के लिए 21 से 27 मार्च तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन और लंबाई मापी गई। उन्होंने बताया इस आयु वर्ग के 88325 बच्चों का वजन और लंबाई ली गई, इनमें से 85639 बच्चे सामान्य पाए गए। कुल 1818 बच्चों का वजन मामूली कम और 868 बच्चों का वजन गंभीर रूप से कम पाया गया। लंबाई के आधार हुई स्क्रीनिंग में 88243 बच्चे सामान्य, 50 बच्चे मैम और 32 बच्चे सैम श्रेणी में पाए गए। तिवारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग की जा रही है और सेहत में सुधार के लिए जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी दी जा रही है।
डीपीओ ने बताया कि मैम और सैम श्रेणी के बच्चों की चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था कराई जा रही है। चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर यदि जरूरत पड़ी पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती रखकर निशुल्क उपचार भी दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती और धात्री महिलाओं की काउंसलिंग के साथ ही पोषाहार भी उपलब्ध कराया जाता है ताकि मां और शिशु, दोनों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके। साथ ही शिशु को कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। पहले छह माह तक शिशु को केवल मां का दूध पिलाना ही पर्याप्त होता है। इसी से बच्चे के पोषण के लिए जरूरी सभी अवयव प्राप्त हो जाते हैं। छह माह तक बच्चे का पानी पिलाने की भी जरूरत नहीं होती। छह माह की आयु पूरी करने पर अन्नप्राशन के साथ ही बच्चे को स्तनपान के साथ पूरक आहार देना चाहिए।