- 1500 नाबालिग और 2700 महिला क्षय रोगियों को गोद लेने की तैयारी
- गोद लेने वालों पर होगी रोगी की देखभाल और पोषण की जिम्मेदारी
गाजियाबाद। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई बाल क्षय रोगियों के गोद लेने की व्यवस्था के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। पिछले साल जनपद में विभिन्न संस्थाओं द्वारा गोद लिए गए 1500 बाल रोगी टीबी को मात दे चुके हैं। इस बार विभाग ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए नाबालिग क्षय रोगियों के साथ ही महिला क्षय रोगियों को भी गोद लेने की तैयारी की है ताकि उन्हें भी देखभाल के साथ-साथ मानसिक सहयोग मिल सके और यह प्रयास उन्हें टीबी को मात देने में मददगार साबित हो सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया जनपद में 1500 नाबालिग और 2700 महिला क्षय रोगियों को गोद लेने की तैयारी है। इसकी शुरूआत विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार यानी आज से की जा रही है।
सीएमओ ने बताया बृहस्पतिवार (24 मार्च) को विश्व क्षय रोग दिवस है। इस मौके पर सुबह सात बजे जिला टीबी केंद्र से घंटाघर रामलीला मैदान तक जागरूकता रैली निकाली गई। दोपहर बाद हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान क्षय रोगियों को गोद लेने की तैयारी है। जनपद में कुल 1500 नाबालिग और 2700 महिला क्षय रोगियों को गोद लिया जाएगा। हालांकि कार्यक्रम के दौरान सांकेतिक तौर पर सौ बच्चों और 70 महिलाओं को गोद लिया जाएगा। क्षय रोगियों को गोद लेने वाले उन्हें मानसिक सहयोग के साथ ही देखभाल का जिम्मा भी उठाएंगे। लगातार रोगियों के संपर्क में रहकर उन्हें नियमित रूप से दवा खाने और पोष्टिक भोजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे। इतना ही नहीं समय-समय पौषाहार भी उपलब्ध कराएंगे।
सीएमओ ने बताया क्षय रोगी नियमित रूप से दवा लेते रहें, इसके लिए उन्हें देखभाल और प्रेरित करते रहने की जरूरत होती है। विभाग क्षय रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराता है और साथ ही सरकार की ओर से हर माह निक्षय पोषण योजना के तहत बैंक खाते में पांच सौ रुपए का भुगतान भी किया जाता है। जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा स्वयंसेवी संस्थाएं और औद्योगिक व व्यापारिक संगठन,आईएमए और केमिस्ट एसोसिएशन क्षय रोगियों के गोद लेने के लिए आगे आई हैं। उन्होंने बताया क्षय रोगियों को उच्च प्रोटीन युक्त पोषण की जरूरत होती है।
रोजाना 500 लोगों की होगी टीबी जांच : सीएमओ
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया 24 मार्च से 13 अप्रैल तक विशेष अभियान के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), आशा और आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं के सहयोग से क्षय रोगी खोज अभियान चलाएंगे और जनपद में हर सप्ताह 1765 लक्षण युक्त लोगों की स्पुटम (बलगम) जांच कराएंगे। सीएमओ ने बताया इसके अलावा क्षय रोग विभाग को नियमित रूप से रोजाना पांच सौ स्पुटम जांच कराने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने बताया क्षय रोगियों की पहचान में आईएमए, निजी चिकित्सालयों और आरडब्ल्यूए आदि का भी सहयोग लिया जाएगा। जैसे विभाग ने कोविड के खिलाफ जंग लड़ी है, ठीक वैसे ही जनांदोलन के रूप में अब टीबी की खिलाफ जंग जीती जाएगी। सामुदायिक सहयोग और जागरूकता से ही 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जा सकता है।