- हरप्रसाद शास्त्री की स्मृति में हर साल होगा कवि सम्मेलन
गाजियाबाद। श्री हरप्रसाद शास्त्री चैरिटेबल ट्रस्ट के आभासी पटल (फेसबुक पेज) ‘गुलमोहर’ का प्रथम वार्षिकोत्सव लगातार 11 दिनों तक बहुत ही उल्लास के साथ मनाया गया। प्रत्येक दिन शाम को आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में गाजियाबाद सहित देश विदेश के कई रचनाकार सम्मिलित हुए। समापन समारोह में घोषणा की गई कि हरप्रसाद शास्त्री की स्मृति में हर साल अक्टूबर में गाजियाबाद में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
गाजियाबाद के श्री सनातन धर्म इंटर कॉलेज में शिक्षक रहे रहे हर प्रसाद शास्त्री ने महानगर में विशाल स्तर पर कवि सम्मेलन कराने की शुरूआत कराई थी। वो हिंदी भवन के संस्थापकों में भी शामिल थे। उन्हीं के नाम पर लोहिया नगर की एक सड़क का नामकरण किया गया है। शास्त्री जी का पूरा परिवार कई वर्षों से अमेरिका में रह रहा है।
समापन समारोह विश्व विख्यात कवि डॉ हरिओम पंवार की अध्यक्षता में हुआ। डॉ प्रवीण शुक्ल, मनोज कुमार मनोज, सत्यपाल सत्यम एवं अंजू जैन की कविताओं ने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ हरिओम पंवार ने उनके डॉ प्रवीण शुक्ल एवं गाजिÞयाबाद के अन्य हिन्दी प्रेमियों को साथ जोड़ कर शास्त्री जी के जन्मदिन पर हर वर्ष एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन 15 अक्टूबर को करने की घोषणा की। इसमें शास्त्री परिवार का कम से कम एक सदस्य भी सम्मिलित होगा । इस वर्ष 15 अक्टूबर से शास्त्री जी का जन्म शताब्दी वर्ष शरू हो रहा है।
11 दिन चले कार्यक्रम में लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, ममता किरण, वरिष्ठ अनूप, हरिराम वाजपेयी, प्रमोद मिश्र निर्मल, मधु मिश्रा, लक्ष्मी करियार, देवेंद्र तोमर, शरद जोशी, विनोद दुबे, ओमप्रकाश भजन, ममता वार्ष्णेय, वंदना कुँअर रायजादा, राज कौशिक व सपना एहसास जैसे अनेक साहित्य और संगीत जगत के फनकार शामिल हुए। 11 दिनों के सभी कार्यक्रमों की सूत्रधार (संयोजक) न्यूयॉर्क से श्रीमती मधु शर्मा (सुपुत्री श्री हरप्रसाद शास्त्री) रहीं। ट्रस्ट के संरक्षक डॉ सत्य प्रकाश शर्मा, मंजूँ श्रीवास्तव , मधु खरे, अर्पणा जोशी एवं तृप्ति मिश्रा का प्रतिदिन विशेष सहयोग रहा।
अन्त में अपने धन्यवाद ज्ञापन में ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने प्रतिवर्ष एक कवि एवं पत्रकार को दी जाने वाली सम्मान राशि को 11 हजार से 21 हजार कर देने और साथ ही दो नवोदित कवियों को 11-11 हजार की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित करने की घोषणा की। सभी कवियों का चयन डॉ पंवार की टीम करेगी । साथ ही हर वर्ष 20-22 छात्रों को 26 जनवरी पर सम्मानित करने की परम्परा को भी अब 15 अक्टूबर के कार्यक्रम से जोड़ दिया जायेगा।