- डॉ. किरण बेदी ने आईएम्एस यूसी कैंपस, गाजियाबाद में विद्यार्थियों को किया सम्बोधित
गाजियाबाद। पुडुचेरी की पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं देश की पहली महिला आईपीएस अफसर डॉ. किरण बेदी ने कहा है कि वह स्वयं वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं। वीआईपी के साइरन बजाने पर प्रतिबंध होना चाहिए। अगर यह देश की राष्ट्रीय नीति बन जाती है तो संपूर्ण देश में यातायात व्यवस्था अत्यंयत सहज और अच्छा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में कामयाबी के लिए प्रतिबद्धता, समर्पण और दूरदर्शिता बहुत आवश्यक है।
डॉ. बेदी आईएमएस यूनिवर्सिटी कोर्सेस कैंपस द्वारा आयोजित वर्चुअल टॉक शो में विद्यार्थियों एवं फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित कर रही थीं। इससे पूर्व आईएमएस ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के महासचिव डॉ. राकेश छारिया ने डॉ. बेदी द्वारा लिखित पुस्तक फियरलैस गवर्नेंस का लोकार्पण किया। उन्होंने आयरन लेडी डॉ. किरण बेदी द्वारा किए गए अद्भुत एवं अद्वीतीय कार्यों को याद करते हुए उनका औपचारिक स्वागत किया। वहीं संस्थाीन के निदेशक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि डॉ. किरण बेदी का संपूर्ण जीवन ही लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और आगे भी बना रहेगा। डॉ. किरण बेदी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मेरे माता और पिता मेरे जीवन के अमूल्य उपहार रहे, जिनके कारण मैं कामयाबी के मुकाम तक पहुंच पाई। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए टीम बिल्डिंग और ईमानदारी बहुत जरूरी है। हमेशा मात्रा की जगह गुणवत्ता पर फोकस करना चाहिए। इसके अलावा दृष्टि और दिशा की स्पष्टता भी अनिवार्य है। मैं निर्भीक होकर इसलिए काम कर पाई क्योंकि मैंने कानून की पढ़ाई कर उनको सीखा और अपने कर्तव्यों को समझा।
उन्होेंने इस दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि आज केंद्रीय लोकसेवा आयोग और प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाएं पास करने के बाद युवा अधिकारी दिल से काम नहीं कर रहे हैं। वे मिनिमम वर्क और मैक्सीमम रिटर्न के लिए काम कर रहे हैं, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। व्यवस्था में सुधार और राष्ट्र के निर्माण में युवाओं को अपनी सकारात्मद एवं सक्रिय भूमिका निभानी होगी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. शेंकी त्यागी ने किया।