गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 10 मई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों को स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि बहादुर शाह जफर, महारानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना जी, झलकारीबाई आदि ने 1857 की क्रांति का बिगुल बजाया जो बाद मे देशव्यापी आंदोलन बन गया। मेरठ की बैरकपुर छावनी से मंगल पांडेय ने जो अलख सैनिकों में जगाई थी उसने विशाल रूप ले लिया था। महर्षि दयानंद सरस्वती ने भी रियासतों में घूम घूम कर क्रांति की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश में लिखा की कोई कितना भी करे पर स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम है। आज हमें उन महान क्रांतिकारियों को याद करते हुए देश की एकता अखंडता की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। 1857 में अपने बलिदानों से आजादी की जो नीव डाली गई तब जाकर देश 1947 मे आजाद हुआ। केंद्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि कुछ ईंटे अपना वजूद नीव में खोती है, तब जाकर कोई इमारत खड़ी होती है, हमें क्रांतिकारियों के बलिदान को सदैव याद रखना चाहिए ।
मुख्य अतिथि आर्य नेता ललित चौधरी व अध्यक्ष प्रेम लता गोयल ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। गायिका संगीता आर्या गीत, निताशा कुमार, नरेंद्र आर्य सुमन, नरेश खन्ना, दीप्ति सपरा, सुदेश आर्या, डॉ विपिन खेड़ा, के एल मल्होत्रा, रवीन्द्र गुप्ता, वीना आर्या, यशोवीर आर्य, बिंदु मदान, विजय कपूर, करुणा चांदना आदि ने गीत सुनाये। आचार्य महेन्द्र भाई, आनन्द प्रकाश आर्य, टीपी तुली, विक्रमादित्य महाजन, डॉ. रचना चावला, सौरभ गुप्ता, राजेश मेंहदीरत्ता, वीरेन्द्र आहूजा, अंजू बजाज, देवेन्द्र भगत, धर्मपाल आर्य आदि उपस्थित थे।