गाजियाबाद। कोरोना को लेकर विस्फोटक हो रही स्थिति, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अब निगम पार्षद मुखर हो गए हैं। सत्तारुढ़ पार्टी के इन पार्षदों ने खुलकर सिस्टम के फेलियर होने और जनता को राम भरोसे छोड़ने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पार्षद सरदार सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि महानगर गाजियाबाद में कोविड 19 (कोरोना वायरस) के बढ़ते प्रकोप से गाजियाबाद के निवासी संक्रमित हो गए हैं जिन्हे अस्पतालों में न बेड मिल रहे हैं और न ही उनका इलाज किया जा रहा है। सहायता के लिए जो नम्बर अधिकारियों ने जारी किए हैं उन्हें कोई उठाता नहीं है। जनता घरों एवं अस्तपतालों के बाहर दम तोड़ रही है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी अपना सरकारी नम्बर तक नहीं उठाते। ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाकर नए अधिकारियों की नियुक्ति जाए।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल संचालक सिफारिश से बेड और रूम दे रहे हैं। सरकारी अस्पतालों से मरीजों को भगाया जा रहा है,कोई सुनने वाला नहीं है। किसी भी वार्ड में नगर निगम द्वारा कोई सैनेटाइजर नहीं किया जा रहा है। नगर निगम के सारे अधिकारी नगरायुक्त से लेकर नीचे तक के कोई अधिकारी काम करने को राजी नहीं है। यहां की जनता बहुत परेशान हो रही है। उन्होंने पत्र में कहा है कि उनके पड़ोस से अभी तक 20 से 25 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर उनका देहान्त हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वह भी एक जनप्रतिनिधि हैं, वर्तमान में पार्षद हैं, पूर्व में नगर निगम उपाध्यक्ष, मोहननगर जोन का चेयरमैन रहा हूं। जनप्रतिनिधि होने के नाते आपसे निवेदन कर रहा हूं कि गाजियाबाद के डीएम, सीएमओ, डिप्टी सीएमओ व जिला प्रशासन के अधिकारियों को नगर निगम के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से गाजियाबाद से हटाया जाए और नए अधिकारी तैनात किए जाएं ताकि गाजियाबाद की जनता को राहत की सांस मिल सके। अस्पतालों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ताकि यह लोग जनता को परेशान नहीं कर सके।
उधर, पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने बयान जारी कर कहा है कि निजी अस्पताल संचालक बेलगाम हो गए हैं। उन पर किसी का नियंत्रण नहीं है। मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। ऐसे में जनता सिस्टम को कोस रही है। चूंकि वे जनप्रतिनिधि हैं ऐसे में उनके पास भी अनेक शिकायत आ रही हैं। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। उन्होंने कहा है कि चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च करने वाले नेता कहां छुपे बैठे हैं। गाजियाबाद में विधायक, मंत्री और सांसद क्या कर रहे हैं। गाजियाबाद इतनी बड़ी समस्या से ग्रस्त है फिर क्यूं मंत्री और सांसद गाजियाबाद में कैंप नहीं कर रहे हैं। जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने जनता की पीड़ा व्यक्त करते हुए एक सोशल चेट को भी शेयर किया है। दोनों पार्षदों के बयान से साफ जाहिर है कि सरकार में मंत्री, विधायक और अफसर कोई सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में जनता को राम भरोसे ही छोड़ दिया गया है।