लखनऊ। दिल्ली में भाजपा व संघ की हाईलेवल की मीटिंग के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव के कयास शुरू हो गए हैं। सूत्रों के हवाले से खबर की मोदी के करीबी पूर्व आईएएस व मौजूदा एमएलसी एके शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। मंत्रीमंडल का विस्तार भी होना है। अब यह भी चर्चा होने लगी है कि यूपी में उपमुख्यमंत्री दो ही रहेंगे या तीन। यह भी बताया जा रहा है कि मौजूदा मंत्रीमंडल में से कई मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है जबकि नए चेहरों को मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। दरसल दिल्ली में हुई मीटिंग से पहले उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात को लेकर केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री और दूसरे नेताओं को चिट्ठी लिख चुके हैं। पंचायत चुनाव में भी भाजपा को आशातीत सफलता नहीं मिली। इसी को लेकर आरएसएस और केन्द्रीय नेतृत्व चिंतित है। चूंकि 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2024 में आम चुनाव। ऐसे में यूपी को भाजपा और आरएसएस को साधने की फिक्र है। इसलिए संघ और भाजपा की इस बैठक को भी अहम माना जा रहा है। माना तो सह भी जा रहा है जल्द ही यूपी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। अब सरकार में दो डिप्टी सीएम रहेंगे या तीन, इस पर मंथन चल रहा है। उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल बीते 2 दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मई में कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इस विस्तार में 5 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं और करीब 7 हटाए जाएंगे। पूर्वांचल को कोरोना आपदा से बचाने की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व आईएएस व एमएलसी एके शर्मा ने 20 जिलों के साथ बनारस में जो प्रबंधन किया है। उसके बाद उनकी भूमिका की सराहना प्रधानमंत्री ने भी की थी। सीएम योगी के साथ रविवार को लखनऊ में हुई बैठक में एके शर्मा भी मौजूद रहे थे। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार में प्रबंधन को लेकर कई तरह के अलग-अलग सवाल उठते चले आ रहे हैं। ऐसे में एके शर्मा का उत्तर प्रदेश सरकार में सक्रिय होना और सरकार के अगले मंत्रिमंडल में जगह पाने की पूरी संभावना बताई जा रही है। इस वक्त यूपी की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के तीन मंत्रियों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। ऐसे में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन आने वाले चुनाव के लिए समीकरण साधने में मदद करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के 7 ऐसे मंत्रियों की शिकायत पीएमओ तक पहुंची है, जिनके विभागों में लगातार भ्रष्टाचार और अन्य गड़बड़ियों की जानकारी सामने आई है। उधर, बेलगाम हो रही सरकारी मशीनरी पर भी शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रदेश के कई विधायकों, मंत्रियों तक ने आईएएस व आईपीएस की शिकायत की है कि वे उनकी नहीं सुनते हैं। जिस समय कोरोना से लोग बिना अस्पतालों में बेड मिलने से दम तोड़ रहे थे उस समय अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे थे। इससे भी प्रदेश सरकार की छवि को धक्का लगा है।