लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार के लिए लखनऊ मंडल में किए जा रहे कार्यों और इस संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। अत: इनको और अधिक प्रभावी बनाया जाए। मरीजों को दवाई, आॅक्सीजन, बेड तथा एम्बुलेंस की कमी न होने पाए। सभी अस्पतालों में सभी उपकरण क्रियाशील स्थिति में रहें। समीक्षा बैठक में लखनऊ मंडल के जनपदों के अन्य अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा जनपद के नोडल अधिकारी से प्रत्येक जनपद में की जा रही टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, एम्बुलेंस की व्यवस्था, संक्रमित/संदिग्ध मरीजों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने की व्यवस्था, निगरानी समितियों के कार्य-कलापों, अस्पतालों में मौजूद वेंटिलेटर्स तथा आॅक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स की क्रियाशीलता, आॅक्सीजन की उपलब्धता इत्यादि के विषय में सीधे जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने संक्रमित/संदिग्ध कोरोना मरीजों को निगरानी समितियों द्वारा फौरन मेडिकल किट उपलब्ध कराकर उनका तत्काल उपचार शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में निगरानी समिति द्वारा कोविड संक्रमित/संदिग्ध मरीजों को वितरित की गयी मेडिसिन किट की सूची आईसीसीसी को उपलब्ध करायी जाए। साथ ही, यह सूची जनप्रतिनिधियों को भी दी जाए। उन्होंने सभी जनपदों में आबादी के अनुपात में टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सुबह कोविड चिकित्सालय में तथा शाम को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में अनिवार्य रूप से बैठककर परिस्थिति का आकलन करते हुए उचित निर्णय लेकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आईसीसीसी कोरोना के विरुद्ध जंग में रीढ़ का काम कर रही है। उन्होंने जनता की सुविधा के लिए सभी जनपदों के आईसीसीसी में फोन लाइन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद हरदोई, उन्नाव, सीतापुर तथा रायबरेली के अधिकारियों को लखनऊ की तर्ज पर अपने-अपने जनपदों में आईसीसीसी को उच्चीकृत करने के लिए कहा। उन्होंने सभी जनपदों में स्थापित किये जा रहे आक्सीजन प्लाण्ट्स की प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस की बीमारी एक नई चुनौती के रूप में उभरी है। इसके लक्षणों, उपचार इत्यादि के विषय में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। बैठक के दौरान मौजूद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्री मोहसिन रजा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने भर्ती लोगों के हालचाल पूछने और लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग के माध्यम से मरीजों का पता लगाकर और उन्हें उपचारित कर पॉजिटिविटी रेट को कम करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन की तैयारी के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वैक्सीनेशन सेंटरों पर भीड़ न लगे। इन सेंटर्स पर वेटिंग एरिया और आॅब्जर्वेशन एरिया अलग-अलग स्थापित किए जाएं। वैक्सीनेशन सेंटर्स पर जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए कॉमन सर्विस सेंटर का उपयोग किया जाए। दिव्यांगजन, गरीबों, मजदूरों, महिलाओं तथा ग्रामीणों का नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन कराया जाए। इस कार्य में नवनिर्वाचित प्रधानों का सहयोग लिया जाए। साथ ही, टीकाकरण के सम्बन्ध में लोगों को जानकारी देने के लिए कॉल सेण्टर्स स्थापित किये जाएं। बैठक के दौरान विधि मंत्री बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह, अन्य जनप्रतिनिधि, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश आदि मौजूद रहे।