नई दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। ऐसे में देशों के अंदर कड़ी पाबंदियां भी लागू की गई हैं। धार्मिक आयोजनों पर रोक है। लोग घरों में ही रहकर त्योहार मना रहे हैं। लेकिन वह पर्व ही क्या जिसमें पड़ोसी को मुबारकबाद न दी जाए। हालात कैसे भी हों लेकिन पर्वों पर कोई नाराजगी नहीं होनी चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच काफी समय से हालात सही नहीं बने हुए हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद रिश्तों में और अधिक कड़वाहट पैदा हुई है। इस कारण बॉर्डर पर भी भारतीय सेना और पाकिस्तान सेना द्वारा पिछली ईद उल फितर हो या दिवाली का मौका, किसी तरह की कोई शुभकामनाएं नहीं दी गई। हालांकि, पाबंदियों और कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ईद-उल-फितर की रौनक है। इस बीच एलओसी पर भी दोनों देशों की सेनाओं द्वारा एक दूसरे को मिठाइयां दी गई हैं। भारतीय सेना और पाकिस्तान सेना ने 13 मई यानी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के पुंछ-रावलकोट क्रॉसिंग पॉइंट और मेंढर हॉट स्प्रिंग क्रॉसिंग प्वाइंट पर ईद उल फितर का त्योहार मनाया। दोनों सेनाओं के प्रतिनिधियों द्वारा मिठाई का आदान-प्रदान किया गया।