नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बाल सेवा योजना का शुभारंभ हो गया है। गुरुवार को राज्यपाल आनंदबेन पटेल व सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में इसकी शुरुआत की। कोरोना काल में माता-पिता की मौत हो जाने से कई बच्चों का भविष्य अधर में फंस गया है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने इन निराश्रित व अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी ली है।
वीडियो कांफ्रेसिंग से इसका प्रसारण किया गया। इसमें डीएम व जनप्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में चार हजार रुपये महीने के हिसाब से सभी बच्चों के खाते में 12-12 हजार रुपये की धनराशि भेजी गई है। सभी बच्चों को स्वीकृति पत्र सौंप दिए गए हैं।
यह है योजना
कोरोना काल में माता-पिता की मौत हो जाने से कई बच्चों का भविष्य अधर में फंस गया है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने इन निराश्रित व अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी ली है। पालन पोषण के लिए सरकार की तरफ से प्रति बच्चा चार हजार रुपये महीने दिए जा रहे हैं। विधायक संजीव राजा ने कहा कि अनाथ बच्चों को मुख्य धारा में लाने का सहरानीय प्रयास है। कोल विधायक अिनल पाराशर ने कहा कि वह सभी आत्मविश्वास से आगे बढ़ें और खूब पढ़ें। अभिभावकों से अपील की कि बच्चों की उचित देखभाल करें और उनके आगे बढ़ने में हरसम्भव मदद करें। प्रदेश सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
डीएम ने कहा कि इस योजना का उद्देश्श्य महामारी में अनाथ व निराश्रित हुए बच्चों की देखभाल करते हुए उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करना है। योजना में 18 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चों का चयन किया जाता है, जिनके माता-पिता दोनों या फिर किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई है।