- मुख्यमंत्री बनने के छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी
नई दिल्ली। उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। दस मार्च 2021 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तीरथ सिंह रावत विधानसभा के सदस्य नहीं हैं इसलिए उन्हें रिक्त चल रही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। बताया तो यह भी जा रहा है कि वे गंगोत्री विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सरकार और संगठन के मध्य कल देर शाम प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री की सीट को लेकर चर्चा की गई। इसके लिए सात सीटों पर संभावनाएं तलाशी गईं। बताया जा रहा है कि गंगोत्री विधानसभा सीट पर उनका विशेष फोकस रहा। वैसे मुख्यमंत्री की सीट के लिए केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि 19 जून को पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत चिंतन शिविर का आयोजन, कोरोना वारियर का सम्मान समेत अन्य कार्यक्रम भी निर्धारित किए गए। गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत को संवैधानिक बाध्यता के अनुसार उन्हें छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना है। इसे देखते हुए सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई सरकार और संगठन के मध्य समन्वय बैठक में भी तीरथ के लिए गंगोत्री के अलावा विधानसभा की चौबट्टाखाल, धर्मपुर, यमकेश्वर, बदरीनाथ, लैंसडौन, कोटद्वार व भीमताल सीटों पर चर्चा हुई।