गाजियाबाद। आम आदमी पार्टी ने बिकरु कांड में खुशी दुबे, क्षमा दुबे, शांति दुबे, रेखा अग्निहोत्री व उसके 2.5 साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध तरीके से 10 महीनों से जेल में रखे जाने के सम्बंध में उपजिलाधिकारी प्रशासन के जरिये राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष सभाजीत सिंह के आह्वान पर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी ने कानपुर के बिकरु कांड में विधि विरुद्ध ढंग से 10 माह से कैद खुशी दुबे समेत 4 महिलाओं और ढाई साल के मासूम की रिहाई के लिए आवाज उठाई। सभी जिलों में जिला प्रशासन के जरिए राज्यपाल को ज्ञापन देकर मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की गई।
ज्ञापन के जरिये आम आदमी पार्टी की जिला महासचिव सुजाता शर्मा के नेतृत्व में आप महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष कल्पना वर्मा ने प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को अवगत कराया गया है कि कानपुर के बिकरु कांड में कई महिलाओं को नियम कानून को ताक पर रखकर पिछले 10 महीनों से जेल में रखा गया है, जिसमें नाबालिग खुशी दुबे पत्नी अमर दुबे, अमर दुबे की मां क्षमा दुबे, विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री व हीरू दुबे की मां शांति दुबे शामिल हैं।
बिकरु काण्ड में अमर दुबे के एनकाउंटर से तीन दिन पहले खुशी दुबे से उसकी शादी हुई थी, पुलिस के रिकॉर्ड में खुशी दुबे के विरुद्ध पहले से कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। खुशी दुबे नाबालिग है, उसकी गिरफ़्तारी के बाद जब मीडिया में मामले ने तूल पकड़ा तो कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार ने मीडिया में बयान दिया की खुशी दुबे निर्दोष है और उसको रिहा कर दिया जाएगा। पिछले 10 महीने से खुशी दुबे जेल में है। कई बार उसे अति गंभीर हालत में बाराबंकी व लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उसको खून की उल्टियां हुईं। इन घटनाओं से परिवार के लोग डरे और सहमे हुए हैं और उन्हें अपनी बेटी के जीवन की चिंता है कि कहीं जेल में उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए, उसका जीवन न चला जाए। जिला महासचिव सुजाता शर्मा ने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि जब स्वयं तत्कालीन एसएसपी मान चुके हैं की खुशी दुबे निर्दोष है तो उसे किस आधार पर उसे जेल में रखककर जेल में 10 महीने से यातनाएं दी जा रही हैं। इसी तरह अमर दुबे की मां क्षमा दुबे को भी पिछले 10 महीने से जेल में रखा गया है, पुलिस प्रशासन और सरकार यह बताने में नाकाम है कि अमर दुबे की मां क्षमा दुबे क्यों जेल में बंद है, उनका बिकरू काण्ड से क्या लेना देना ? मुख्य आरोपित विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री को 2.5 साल के बेटे के साथ, जेल में रखा गया है। रेखा अग्निहोत्री के विरुद्ध भी पुलिस कोई ठोस प्रमाण य साक्ष्य देने में नाकाम रही है। किसी के घर में काम करने वाली दो बच्चों की मां अपराधी कैसे हो सकती है ? इसका कोई जवाब न तो सरकार के पास है और न ही प्रशासन के पास। एक अन्य आरोपी हीरु दुबे की मां शांति दुबे भी पिछले 10 महीनों से जेल में हैं। हीरु दुबे को बिकरू कांड में अभियुक्त बनाया गया है, मगर हीरु दुबे की मां को किस अपराध में, किस आधार पर जेल में रखा गया है, इस संबंध में पुलिस प्रशासन कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाया है। उपरोक्त मामलों से यह साफ तौर पर जाहिर हो रहा है की उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार प्रतिशोध, दुर्भावना और नफरत के आधार पर काम कर रही है। इसको लेकर लोगों के मन में भारी कष्ट और रोष है। विशेष तौर से महिलाओं के साथ ऐसा जुर्म, ऐसी यातना और ऐसी नफरतपूर्ण कार्यवाही ने सबको हिलाकर रख दिया है। इस घटना ने देश के संविधान और कानून की मर्यादा को भी तार तार किया है। ज्ञापन में राज्यपाल से कहा गया है कि आप स्वयं एक महिला होने के नाते महिलाओं के दर्द को भली भांति समझ सकती हैं। कृप्या इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप कर नियम कानून का पालन कराने व उपरोक्त महिलाओं को अतिशीघ्र रिहा करवाने की कृपा करें। इस अवसर पर जिला महासचिव सुजाता शर्मा, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष कल्पना वर्मा, अभिषेक सिकरी, दिलशाद खान, सचिन तेवेतिया, राजन त्यागी, मुकेश प्रजापती, देव वर्मा, कल्पना आदि मौजूद रहे।