- संयुक्त जिला चिकित्सालय और संतोष अस्पताल रहेंगे कोविड अस्पताल
- सभी चिकित्सालयों में सख्ती से किया जाएगा कोविड प्रोटोकॉल का पालन
गाजियाबाद। अब स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होने पर सरकारी चिकित्सालयों की सेवाएं कोविड काल से पहले की तरह शुरू कर दी गई हैं। शासन के निर्देश पर आज से प्राथमिक, सामुदायिक और जिला स्तरीय चिकित्सालयों में सभी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। हालांकि संजयनगर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय अभी कोविड एल-2 अस्पताल ही रहेगा, यानि संयुक्त जिला चिकित्सालय में अभी सामान्य सेवाएं शुरू नहीं की जा सकेंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. एनके गुप्ता ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के मुताबिक समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल के साथ ओपीडी एवं आईपीडी सेवाएं प्रारम्भ कर दी गई हैं। सरकारी स्तर पर संजय नगर स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में कोविड-एल-2 और संतोष अस्पताल में कोविड एल-3 स्तर की सुविधाएं अभी जारी रहेंगी।
समस्त प्रसव केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव का कार्य सुचारू रूप से संचालित रहेगा। उनके प्रसवपूर्व परीक्षण का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आॅपरेशन एवं प्रसव में सीजेरियन (सी सेक्शन) का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है। जिला एमएमजी चिकित्सालय में सर्जिकल ओपीडी और आॅपरेशन की सुविधा प्रारम्भ करने के निर्देश शासन ने दिए हैं। आॅपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों की आॅपरेशन से पूर्व ट्रूनेट और आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी। ईएनटी और नेत्र ओपीडी के पूर्व में दो घंटे का समय निर्धारित किया गया था लेकिन अब पूरे दिन ओपीडी सेवाएं सुचारू रहेंगी। जिला एमएमजी अस्पताल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर चालू किया जाएगा। पिछले वर्ष की भांति पोस्ट कोविड केयर सेंटर में फिजीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और मानसिक रोग विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। बता दें कि कोविड से जंग जीत चुके लोगों में मानसिक समस्याएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पीड़ित एक-एक माह तक बुखार से पीड़ित रहे। इतने दिनों तक बुखार रहने के चलते कई लोगों को तो बुखार फोबिया हो गया है। इसके अलावा उन्हें सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी की शिकायत होने की आशंका बनी रहती है। एक तरह का डर उनके मन में घर कर गया है। ऐसे लोगों को मनोवैज्ञानिक सलाह के साथ दवा या फिर काउंसलिंग की जरूरत होती है।
सभी चिकित्सालयों में बनेंगे फीवर क्लीनिक
सीएमओ एनके गुप्ता ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला स्तरीय चिकित्सालयों में फीवर क्लीनिक बनाए जाएंगे। प्रयास किया जाएगा कि चिकित्सालय परिसर में एक प्रथकस्थान पर फीवर क्लीनिक बनाई जाए ताकि पीड़ित सीधे फीवर क्लीनिक में ही जाएं। फीवर क्लीनिक में सबसे पहले अनिवार्य रूप से कोविड जांच होगी। यह जांच ट्रूनेट मशीन से या फिर एंटीजन किट से की जाएगी।