गाजियाबाद। अंतर्राष्ट्रीय शब्द सृजन के तत्वावधान में नवसंवत्सर के अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय के संयोजन में एक काव्य संगम का आयोजन किया गया जिसमें भारत, अमेरिका, जर्मनी, दोहा कतर, इंग्लैंड, अबुधाबी, रूस, कनाडा, नेपाल आदि देशों के 21 कवियों ने नवसंवत्सर का गान अपनी कविता के माध्यम से किया। इस अनुपम यादगार कवि संगम की अध्यक्षता चंडीगढ़ से विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार श्री गणेश दत्त ने की। मां सरस्वती की आराधना वेंकूवर कनाडा से कोकिल कंठी कवियित्री प्राची चतुर्वेदी रंधावा ने की।
भारतीय संस्कृति, सभ्यता संस्कार और साहित्य के लिए स्थापित अंतर्राष्ट्रीय शब्द सृजन संस्थान के इस आयोजन का उद्देश्य पूरे विश्व में भारतीय नवसंवत्सर का काव्य गायन से एक नई दिशा प्रदान करना था। संस्थान प्राय: विषय आधारित कार्यक्रम का आयोजन करता है। जिसमें साहित्यकारों को नव सृजन करके ही प्रस्तुति देनी होती है। आज अंतर्राष्ट्रीय फलक पर संस्थान ने एक अलग पहचान बनायी है।
इस वर्चुअल आयोजन को देश विदेश के हजारों की संख्या में श्रोताओं ने देखा और अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं। इस कार्यक्रम में कविता पाठ करने वाले ज्ञान शर्मा लन्दन (इंग्लैंड), प्राची चतुर्वेदी रन्धावा वेंकूवर कनाडा, प्राची चतुर्वेदी टोरंटो कनाडा, डॉ. शिप्रा शिल्पी, जर्मनी, डॉ. मीनू पाराशर ‘मानसी’ दोहा कतर, केलिफोर्निया अमेरिका से अर्चना पांडा, अमेरिका से ही डॉ. सीमा भांति ‘नीति’, अयोवा अमेरिका से डॉ. श्वेता सिन्हा, मास्को रूस से श्वेता सिंह ‘उमा’ नेपाल से जयप्रकाश अग्रवाल, भारत से ओंकार त्रिपाठी दिल्ली अमुपमा पाण्डेय ‘भारतीय’ साहिबाबाद, राजकुमार छापड़िया मुम्बई महाराष्ट्र, रजनीश स्वछंद दिल्ली, शंकर लाल जांगिड़ हनुमान गढ़ राजस्थान, ब्रज माहिर फरीदाबाद हरियाणा ,यशपाल सिंह चौहान दिल्ली, नलिनी शर्मा ‘कृष्ण’ अहमदाबाद गुजरात की कविताओं को पूरे तीन घंटे तक लाइव सुना गया। इस अद्भुत कवि सम्मेलन का संचालन प्राची चतुर्वेदी रंधावा, अर्चना पांडा ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पांडेय ने किया। इसी अवसर अंतर्राष्ट्रीय शब्द सृजन की केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं विदेशी इकाई गठन की घोषणा संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजीव पांडेय ने की। केन्द्रीय कार्यकारिणी में डॉ. राजीव पाण्डेय, ओंकार त्रिपाठी, राजकुमार छापड़िया, अनुपमा पाण्डेय ‘भारतीय’ ब्रज माहिर, डॉ. रजनी शर्मा चन्दा, यशपाल सिंह चौहान, ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश, सोमदत्त शर्मा ‘सोम’ शरद नारायण खरे, को रखा गया है।
वहीं विदेशी इकाई का दायित्व अमेरिका से प्रो.नीलू गुप्ता, डॉ. श्वेता सिन्हा, अर्चना पांडा, कनाडा में प्राची चतुर्वेदी रंधावा, प्राची चतुर्वेदी, रूस से श्वेता सिंह ‘उमा’ दोहा कतर से डॉ. मीनू मानसी पाराशर, नेपाल से जयप्रकाश अग्रवाल, इंग्लैंड से ज्ञान शर्मा, जर्मनी से डॉ. शिप्रा शिल्पी, तंजानिया अफ्रीका से डॉ. ममता सैनी, जापान से डॉ रमा शर्मा, संयुक्त अरब अमीरात से ललिता मिश्रा पदमावती कंवर, केन्या से सारिका फलोर को सौंपा गया। इसी के साथ भारत वर्ष के अधिकांश राज्यों में इकाइयों को बनाकर दायित्व सौंपा गया है। हिंदी के विकास के लिये समर्पित संस्थान की यात्रा अनवरत जारी है।