नई दिल्ली। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोरोना संक्रमण की बात अब कुत्ते भी बता सकते हैं। अपने सूंघने की शक्ति के बल पर कोरोना जांच में भी अहम रोल अदा कर सकते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है।
देखने में आया है कि पुलिस के खोजी कुत्ते कपड़ा सूंघना के बाद असली मुजरिम तक पहुंचाने में मदद करते आए हैं। उनके सूंघने की इस शक्ति का ही प्रयोग कोरोना संक्रमितों को ढूंढने में किया जा सकता है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों द्वारा पहने जाने वाले मोजे को सूंघकर प्रशिक्षित खोजी कुत्तों को कोरोना गंध की पहचान कराकर उनको एयरपोर्ट और सामूहिक सभा स्थलों पर तैनात किया जा सकता है ताकि वो वहां कोरोना संक्रमितों की पहचान कर सकें। वैज्ञानिकों का कहना है कि दो टीमों में काम करते हुए कोविड प्रशिक्षित कुत्ते आधे घंटे के अंदर ही एक विमान से आने वाले कई सौ लोगों की जांच कर सकते हैं। वैज्ञिनकों ने एक प्रारंभिक चरण के अध्ययन के परिणाम प्रस्तुत किए जिसमें साढ़े तीन हजार लोगों द्वारा पहने गए बिना धोए मोजे या टी-शर्ट का उपयोग किया गया था। शोधकर्ताओं ने कहा कि कुत्ते एसिम्टोमेटिक या माइल्ड संक्रमितों का पता लगाने में भी कामयाब रहे। इसके अलावा पिछले साल के अंत में ब्रिटेन में मिले वैरिएंट के मामलों का भी पता लगा पाए। इस रिसर्च में काम करने वाले डरहम विश्वविद्यालय के बायोसाइंसेज विभाग के प्रोफेसर स्टीव लिंडसे ने कहा कि कुत्ते बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना संक्रमण का पता लगाकर ब्रिटेन में फिर से इसके संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले लंदन स्कूल आॅफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक रोग नियंत्रण विशेषज्ञ जेम्स लोगन ने कहा कि अन्य स्क्रीनिंग विधियों के मुकाबले पर खोजी कुत्तों द्वारा स्क्रीनिंग ज्यादा बेहतर है।