गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक और व्हाइट फंगस को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। अब गाजियाबाद में येलो फंगस का भी मामला सामने आया है। जिले में लगातार मिल रहे ब्लैक फंगस के मरीजों को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग कोई पुष्टि नहीं कर रहा है लेकिन आरडीसी स्थित हर्ष पॉलीक्लीनिक के संचालक एवं प्रसिद्ध ईएनटी विशेषज्ञ डा.बीपी त्यागी के पास इस तरह के मामले आ रहे हैं और वे उनका इलाज भी कर रहे हैं। कई मरीजों को गंभीर हालत में नोएडा व दिल्ली के अस्पतालों में भी रेफर किया गया है। लेकिन अब उन्हीं के पास येलो फंगस का भी मामला आया है। अभी तक येलो फंगस के बारे में कभी नहीं सुना था, लेकिन इस तरह का पहला मामला आने से डाक्टरों की चिंता बढ़ गई है। डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि येला फंगस छिपकली में पाया जाता है, इंसानों में इस तरह का फंगस मिलने का कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं है। ब्लैक व व्हाइट फंगस की तरह यह शरीर के हिस्से को गलाता नहीं है, बल्कि घाव करता है, जिसे भरने में काफी समय लगता है। इसके मरीज को भी एंफोटेरिसीन इंजेक्शन दिया जाता है और सर्जरी की जाती है। उन्होंने बताया कि येलो फंगस वाले मरीज का इलाज किया जा रहा है और रिसर्च भी की जा रही है। इसके बारे में अन्य डॉक्टरों से भी बातचीत की जा रही है। कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बाद ही अब तक ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीज पाए गए थे। मगर ये अपनी तरह का अलग ही मामला है। उन्होंने बताया कि येलो फंगस की गंभीरता को लेकर भी इस दिशा में काम कर रहे डॉक्टरों से बातचीत की जा रही है। साथ ही ये भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि मरीज किस तरह से येलो फंगस का शिकार हुआ है। उधर कोरोना संकट के बीच देश भर में म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) का संक्रमण भी बढ़ता जा रहा है। अभी तक इसका संक्रमण नाक, आंख और मस्तिष्क में फैल रहा था। लेकिन अब दो मरीजों की छोटी आंत में भी ब्लैक फंगस के संक्रमण से छेद होने के मामले सामने आए हैं।