गाजियाबाद। बंगाल चुनाव में मिली करार हार के बाद उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में भी भाजपा कोई खास असर नहीं दिखा पाई। गाजियाबाद में भाजपा औंधे मुंह गिरी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं मौजूदा विधायक के परिवार के सदस्य भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी मावी भी चुनाव हार गर्इं। गाजियाबाद को भाजपा का गढ़ कहा जाता है, यहां विधानसभा की पांच सीटों पर भाजपा के ही विधायक हैं। सांसद भी भाजपा के हैं। राज्यसभा सदस्य भी भाजपा के हैं। बावजूद इसके जिला पंचायत के 14 वार्डों में से सिर्फ तीन वार्ड ही जीत पाए हैं। बसपा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए सबसे अधिक सीट जीती हैं, दूसरे नंबर पर सपा व रालोद है। माना जा रहा था कि पंचायत चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल हैं। इस चुनाव में भाजपा प्रदेश संगठन ने पूरी ताकत झोंक रखी थी। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा इस चुनाव में बेदम ही नजर आए हैं जबकि जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल भी कुछ खास नहीं कर पाए। जहां-जहां भाजपा ने अपने समर्थन से प्रत्याशियों को उतारा वहां-वहां भाजपा के ही पुराने नेता निर्दलीय के रूप में खड़े हो गए। ऐसे में भाजपा संगठन ने कुछ को तो छह साल के लिए निष्कासित तक कर दिया था, लेकिन उससे भी बात नहीं बनी। भाजपा की पूरी फौज अपने प्रत्याशियों को जिताने में नाकामयाब रही। राजनीति के जानकार बताते हैं कि पंचायत चुनाव में किसान आंदोलन को लेकर भी ग्रामीणों में सत्तारुढ़ पार्टी के नेताओं के प्रति गुस्सा था। कई गांवों में तो भाजपा प्रत्याशियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई, नेताओं को भी गांवों से दूर रहने को कहा गया। उधर, प्रदेश में बेदम पड़ी बसपा का जलवा गाजियाबाद में खूब देखने को मिला। बसपा के कई प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। सपा में ही अपनी आस्था रखने वाले विकास यादव की पत्नी ने जीत दर्ज कर बता दिया कि वे गांवों में आज भी लोकप्रिय हैं। पांच-पांच विधायक,पालिका अध्यक्ष होने के बाद भी गांवों के चुनाव में भाजपा का जो हश्र हुआ है वह तो कुछ और ही संदेश दे रहा है। वार्ड नंबर छह से मीनू यादव, वार्ड नंबर सात से अमित त्यागी, वार्ड नंबर आठ से प्रिया सिंह, वार्ड नंबर 14 से ममता त्यागी, वार्ड नंबर 13 से अंशु मावी, वार्ड नंबर 12 से प्रमिला सिंह चुनाव जीती हैं। वार्ड नंबर एक से अमरपाल प्रधान, वार्ड नंबर दो आसिफा चौधरी, वार्ड नंबर तीन से अनिल गौतम, वार्ड नंबर चार से दया, वार्ड नंबर पांच से शौकेन्द्र चुनाव जीते हैं।