नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को फर्जी वैक्सीन कैंप आयोजित करने मामले में सीबीआइ जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका को मंजूर कर लिया है। इस याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी। दरअसल, हाल ही में अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती के खुलासे के बाद फर्जी टीकाकरण कैंप का पर्दाफाश हुआ था। साथ ही यह नकली टीका लगाने के कैंप के संचालक फर्जी आइएएस अधिकारी देबांजन देब समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस फर्जी कैंप में सैकड़ों लोगों को नकली कोरोना टीका लगा दिया गया।
वहीं भाजपा से लेकर माकपा व कांग्रेस तक देबांजन का तृणमूल नेताओं के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए मुखर है। वहीं इस मामले की सीबीआइ व केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक बाद एक चार जनहित याचिका दायर हुई है। मंगलवार को एक जनहित याचिका का होई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और उस पर बुधवार को सुनाई होनी है। इस याचिका में इस फर्जी वैक्सीनेशन कैंप मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गई है।
वहीं दूसरी ओर इस फर्जी कैंप में टीका लेने के कुछ दिन बाद अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती बीते 26 जून को बीमार हो गई थी। हालांकि जादवपुर की सांसद का उपचार करने वाले डॉक्टर ने कहा था कि उनकी अस्वस्थता को कुछ दिन पहले लिए गए फर्जी टीका से जोड़ना अभी जल्दबाजी होगी।
फर्जी आइएएस खुद को कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त बताया करता था और उनका तृणमूल के कई नेता, मंत्रियों के साथ उसकी तस्वीरें सामने आई है। भाजपा का यहां तक आरोप है कि पुलिस के साथ मिलकर रक्त दान शिविऱ का भी आयोजन कर चुका था। राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस की ओर से इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देबांजन को आतंकवादियों से भी खतरनाक बताया है।