-38 बुजुर्गों की जांच, एक भी टीबी का मामला सामने नहीं आया
हापुड़। राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के आदेश पर जनपद समेत पूरे सूबे में क्षय रोग की जल्दी पहचान और उपचार के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) एवं निक्षय पोषण योजना अभियान शुरू किया गया है। पहले दिन जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह के नेतृत्व और निर्देशन में क्षय रोग विभाग की टीम ने स्वर्गाश्रम रोड दोमाई गांव स्थित वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों की टीबी की जांच की। कुल 38 बुजुर्गों की जांच में एक भी टीबी का मामला सामने नहीं आया। जांच टीम में जिला पीपीएम समन्वय सुशील चौधरी, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बृजेश कुमार और वरिष्ठ ट्रीटमेंट पर्यवेक्षक (एसटीएस) हसमत अली आदि शामिल रहे। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सिंह ने बताया कि शासन से आए कार्यक्रम के मुताबिक क्षय रोग विभाग की टीम छह सितंबर तक अनाथालय, वृद्घाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय और कारागार आदि में एसीएफ चलाएगी। सात से 16 सितंबर तक दस दिवसीय विशेष अभियान के तहत मलिन बस्तियों में मधुमेह और एचआईवी पीड़ितों के घर जाकर टीबी की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया-मधुमेह और एचआईवी पीड़ितों को टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है। उसके बाद 17 से 30 सितंबर तक सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निमार्णाधीन साइटों, ईट भट्टों स्टोन क्रेशर और साप्ताहिक बाजारों में एसीएफ चलाया जाएगा। अगले माह एक से 31 अक्टूबर तक जनपद में निजी चिकित्सकों का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया जाएगा और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के भुगतान के लिए 15 अक्टूबर तक पंजीकृत सभी क्षय रोगियों निक्षय पोषण योजना में जोड़ा जाएगा। बता दें कि सरकार की ओर से हर उपचाराधीन क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए प्रति माह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके लिए पंजीकरण के समय रोगी को अपना आधार कार्ड और बैंक खाता संबंधी जानकारी उपलब्ध करानी होती है।