- आरडब्ल्यूए के साथ काम करने की स्वीकृति दी
- विकास की गाड़ी के ड्राइवर हैं आरडब्ल्यूए और प्रशासानिक तंत्र है गाड़ी का इंधन: पाण्डेय
गाजियाबाद। मोहननगर स्थित आईटीएस के कॉन्फ्रेंस हाल आरडब्लूए फेडरेशन एवं फ्लैट ओनर फेडरेशन गाजियाबाद और कोरवा यूपी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त, पूर्व जिलाधिकारी और झांसी डिवीजनल के पूर्व डिवीजनल कमिश्नर डा. अजय शंकर पांडे के साथ एक बैठक हुई। आरडब्लूए फेडरेशन डॉ. अजय शंकर पांडे को उनसे प्रशासनिक तथा व्यक्तिगत अनुभव का लाभ लेकर लोकतंत्र की जड़े मजबूत करने की दिशा में एक पहल की है।
फ्लैट ओनर फेडरेशन और आरडब्लूए फेडरेशन गाजियाबाद के चेयरमैन कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा कि सभी जन प्रतिनिधियों को कुछ न कुछ सुविधाएं अथवा वेतन अवश्य मिलता है जबकि आरडब्लूए के प्रतिनिधियों को कोई सुविधा नहीं मिलती। आरडब्लूए के लोग जो काम करते हैं उसकी गुणवत्ता खराब हो ही नहीं सकती क्योंकि वो खुद लाभार्थी हैं। आरडब्लूए के प्रतिनिधियों पर पड़ोसियों की 24 घंटे नजर रहती है इसलिए उनके कार्यों को ओडिट की आवश्यकता ही नहीं है। प्रत्येक आरडब्लूए लोकतंत्र की एक प्रारम्भिक पाठशाला है। भारत एक गणतंत्र है अर्थात यहां जनता ही सर्वोच्च है और जनता है आरडब्लूए इसलिए आरडब्लूए को लोकतंत्र का केन्द्रीय स्तम्भ (सेंट्रल पिलर) माना जाना चाहिए।
कोरवा यूपी के अध्यक्ष पवन कौशिक ने कहा कि गाजियाबाद मे आरडब्लूए संस्कृति मूलत: 2005 में प्रारंभ हुई। आज स्थिति यह है की देश भर में होने वाली आरडब्लूए की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसिस का मुख्य संयोजक गाजियाबाद ही है। डा. आर के आर्या ने बताया कि डा. अजय शंकर पांडे को कन्फेडरेशन आफ आरडब्लूए (कोरवा) का राष्ट्रीय संरक्षक मनोनीत किया गया है। डा. पांडे ने गाजियाबाद में अत्यंत प्रशंसनीय, लीक से हटकर और अत्यंत सार्थक काम किए हैं। इसलिए इस मीटिंग में सदस्यों द्वारा औपचारिक अनुरोध किया गया कि वो आरडब्ल्यूए से जुड़ें ताकि आरडब्लूए आवाज सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारी सुनें और शहर से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर सकें।
डॉ. अजय शंकर पांडे ने कहा कि वे इस बात के पक्षधर हैं। आरडब्लूए और सभासद एक दूसरे के पूरक हैं विरोधी नहीं। सरकारी योजनाओं की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि उनमें उनकी राय अवश्य ली जाए जिनके लिए वो बनाई जाती है।
डा. पांडे ने कहा कि आरडब्ल्यूए विकास की गाड़ी के ड्राइवर हैं और प्रशासनिक अधिकारी उस गाड़ी का ईंधन है। प्रशासन बिना आरडब्लूए के सहयोग के विकास को गति नहीं दे सकता क्योंकि नेतृत्व तो आरडब्लूए का ही होगा, सहयोगी प्रशासन हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज मेरे सामने 70 आरडब्लूए के शीर्ष पदाधिकारी बैठे हुए हंै। आप में से अधिकतर सरकारी अथवा गैर सरकारी सेवाओं में उच्च पदों पर रहे। आप अपने आपको सेवानिवृत्त न समझें बल्कि अपने सेवानिवृत्त दिवस को नव सेवा प्रवेश दिवस की तरह मनाए। डा. पांडे ने कर्नल त्यागी के नेतृत्व वाली टीम को यह कार्य भी दिया कि वो पूर्वी उतर प्रदेश के जिलों में भी जा जाकर आरडब्लूए संस्कृति विकसित करें। इस अवसर पर अनुज त्यागी, प्रेम शंकर सिंह, तरुण चौहान, राज कुमार त्यागी, पवन कौशिक, विनोद जिंदल, डॉ. आर के आर्या, धर्मेन्द्र खंडेलवाल, राजीव अग्रवाल, अंशु त्यागी, संध्या त्यागी, ऋषि बंसल, गौरव सैनानी, भगवत गुप्ता आदि उपस्थित थे।