लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा की तहसील तरबगंज के अन्तर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्राम बाबा मठिया बरौली पहुुंचकर बाढ़ प्रभावितों को राहत किट का वितरण किया तथा उनसे संवाद कर जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की जा रही राहत के बारे में जानकारी प्राप्त की। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के उपरान्त, मुख्यमंत्री बाबा मठिया बरौली पहुंचे। वहां पर सबसे पहले उन्होंने बाढ़ प्रभावितों से भेंट की तथा राहत किट का वितरण किया। प्रभावितों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने बाढ़ की स्थिति तथा जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों के बारे में फीडबैक प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ एक बैठक में बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की।
मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 15 जनपद बाढ़ से प्रभावित हैं। वर्तमान मानसून में तीसरी बार प्रदेश के विभिन्न जनपदों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल से आने वाली नदियों के कारण वर्तमान में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है, परन्तु विगत वर्ष की तुलना में बारिश अधिक होने के बावजूद इस वर्ष बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रफल में कमी आई है। जनपद गोंडा के संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रेजिंग के बाद नदी को चैनेलाइज करने तथा कटान रोधक कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा किए जाने के कारण काफी हद तक बाढ़ की विभीषिका में कमी आयी है।
गोंडा में बाढ़ की स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 राजस्व गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 7 ग्राम पूरी तरह मैरूण्ड हैं। जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से प्रभावितों को हर सम्भव मदद मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा, बचाव व राहत कार्य के लिए आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की फ्लड यूनिट द्वारा राहत एवं बचाव के सभी सम्भव उपायों को सुनिश्चित कराया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी व्यक्ति की सर्पदंश या किसी भी हिंसक जानवर के काटने से मृत्यु पर 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल दी जा रही है। किसी भी किसान की आकस्मिक मुत्यु पर कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। बाढ़ या अतिवृृृष्टि के कारण मकान क्षतिग्रस्त होने पर पीड़ित को 95 हजार रुपए से अधिक तथा मकान के आंशिक क्षतिग्रस्त होने पर भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है। नदी की धारा की चपेट में जिन व्यक्तियों के मकान आ गए हैं, उन्हें पात्रता के आधार पर मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जा रहा है।