- लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह लेकर करें व्यायाम
गाजियाबाद। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को निशुल्क परामर्श एवं जानकारी दी गई। 100 से भी ज्यादा लोगों ने जागरुकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डा. पीएन अरोड़ा ने किया और उन्होंने सभी फिजियोथेरेपिस्ट को बधाई देते हुए मरीजों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। फिजियोथेरेपी विभाग के प्रमुख एवं वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट मुबारक हुसैन ने बताया कि आस्टियोआर्थराइटिस बीमारी में हड्डियों का गलना प्रारंभ हो जाता है, यह बीमारी ज्यादातर मोटापे से ग्रसित लोगों में ज्यादा कुप्रभाव दिखाती है, शरीर के बड़े जोड़ों में आस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी ज्यादा देखी जाती है जैसे कूल्हे का जोड़, घुटनों का जोड़। इस बीमारी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हमें यह 3 से 4 साल पहले ही अपने लक्षण दिखाने शुरू कर देती है ऐसे में इसे आसानी से पकड़ा जा सकता है। आस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जॉइंट या जोड़ में दर्द शुरू हो जाता है और उसमें सूजन भी आ सकती है साथ में जोड़ों से संबंधित अंगों का रेंज आॅफ मोशन या उनके मुड़ने में कमी हो जाती है। मरीज का चलना फिरना भी कम होने लगता है और उसके जोड़ पूरी तरह से मुड़ नहीं पाते। हॉस्पिटल के दूसरे वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट आशीष जैन ने बताया कि आॅस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी 50 साल से अधिक के मरीजों में ज्यादा देखी जाती है। वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट स्नेहा जैन ने बताया कि आस्टियोआर्थराइटिस बीमारी से बचने के लिए मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज या व्यायाम करने चाहिए। मांसपेशियों के व्यायाम यदि व्यक्ति नियमित रूप से करता रहे तो ओस्टियोआर्थराइटिस से काफी हद तक बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि आपको पहले से इनमें से कोई बीमारी है तो अपने ट्रीटिंग फिजिशियन से बात करके ही यह व्यायाम शुरू करें और समस्या बढ़ने पर कुशल एवं प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट की राय जरूर लें।